गृह मंत्रालय ने आज राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के भीतर औद्योगिक, विनिर्माण, कृषि और मनरेगा से जुड़े फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के लिए मानक परिचालन प्रणाली जारी की। इसके अनुसार इन मज़दूरों को निश्चित शर्तों के साथ राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की अनुमति होगी। प्रणाली में कहा गया है कि अगर श्रमिकों का कोई समूह राज्य के भीतर ही दूसरे स्थान पर काम करने के लिए जाना चाहता है तो उनकी जांच की जाएगी और स्वस्थ व्यक्ति को उसके कार्यस्थल पर भेजा जाएगा। उनकी यात्रा बस से होगी और उन्हें सुरक्षित परस्पर दूरी के मानकों का पालन करना होगा। इसके अलावा बसों को स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार सेनेटाइज़ किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन मज़दूरों को यात्रा के लिए भोजन और पेयजल उपलब्ध कराएगा।
केंद्रीय गृह सचिव मानक परिचालन प्रणाली में स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक मज़दूरों की अंतरराज्य गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जाएगी। स्थानीय प्रशासन राहत और शरणार्थी शिविरों में रह रहे मज़दूरों का पंजीकरण भी करेगा। मजदूरों की स्किल मैपिंग भी की जाएगी, जिससे उन्हें उचित कार्यस्थलों पर भी भेजा जा सके।