
लखनऊ: अमेरिका के राष्ट्रपति को दुनिया का सबसे ताकतवर व्यक्ति माना जाता है। ऐसे में ये मान लेना आसान है कि अमेरिका का राष्ट्रपति सबसे रईस भी होता होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति को करीब तीन करोड़ रुपए सालाना तनख्वाह मिलती है। इस हिसाब से भी पद से हटते वक्त राष्ट्रपति के पास खूब पैसा हो जाना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। वास्तव में अनेक राष्ट्रपति जब व्हाइट हाउस से हटे तो बड़े कर्जदार हो चुके थे। सबसे ताजा मिसाल बिल क्लिंटन की है जो पद से हटने के समय 16 मिलियन डॉलर के कर्ज में थे।
अमेरिका के राष्ट्रपतियों को सालाना डेढ़ करोड़ रुपए की पेंशन जीवन भर मिलती है। लेकिन बिल क्लिंटन को कर्ज से उबरने के लिए इतना काफी नहीं था सो वह भाषणों और पुस्तक लेखन के जरिए पैसा कमाने में जुट गए और मोटी रकम कमा डाली। वैसे, पैसा कमाने का रास्ता चुनने के लिए अलग रास्ता चुनने वाले क्लिंटन पहले व्यक्ति नहीं थे।
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कमाई का सिलसिला
इतिहास की बात करें तो रदरफोर्ड हेयेस, टेडी रूजवेल्ट, हर्बर्ट हूवर और हैरी ट्रूमैन जैसे पूर्व राष्ट्रपतियों ने ढेरों स्पीचें दीं लेकिन कभी इसका पैसा नहीं लिया। यह परंपरा राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड ने पहली बार तोड़ी। फोर्ड ने अपने अनुभव का खूब फायदा उठाया। फोर्ड मात्र 895 दिन के राष्ट्रपति थे। 1977 में जब वे पद से हटे तो देश भर में घूम-घूम कर स्पीचें देने का क्रम शुरू किया। वे हर स्पीच का 25 हजार डॉलर लिया करते थे। वैसे, फोर्ड काफी अवसरवादी थे। स्पीचें देने के अलावा शॉपिंग मॉल का उद्घाटन वगैरह करके भी फोर्ड ने कमाई की। इसके लआवा अलावा वो ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी कंपनियों के कार्पोरेट बोर्ड के सदस्य भी रहे। ये सब करके फोर्ड अपनी पूंजी 400 फीसदी बढ़ाने में कामयाब रहे।
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राष्ट्रपतियों की हैसियत
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सबसे महंगी स्पीच
(सभी आंकड़े डॉलर में)