चला योगी सरकार का डंडा: बर्खास्त हुए दो अधिकारी, अब तक कई पर गिर चुकी है गाज

इसी क्रम में अमेठी के DDO को मिर्जापुर में DDO के पद पर रहते हुए दायित्वों की अनदेखी व नियुक्ति में अनियमितता के कारण सेवा से पदच्युत करने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही पीटीएस मेरठ के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक को भी सेवा से बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति ने दागियों और बेइमान अफसरों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों में एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई से विभागों में खलबली मची हुई है। खासतौर से जांच और विभागीय कार्रवाई से आगे बढ़कर सरकार ने दागियों को जब से जेल भेजना शुरू किया है। भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर सरकार का वार जारी है लेकिन अब भी इसे खत्म करने के लिए लंबी लड़ाई बाकी है।

मिर्जापुर के DDO और पीटीएस मेरठ को किया गया बर्खास्त

इसी क्रम में अमेठी के DDO को मिर्जापुर में DDO के पद पर रहते हुए दायित्वों की अनदेखी व नियुक्ति में अनियमितता के कारण सेवा से पदच्युत करने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही पीटीएस मेरठ के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक को भी सेवा से बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं।

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अब तक कई अफसरों पर गिर चुकी है गाज

बता दें कि पिछले 2 वर्षों में योगी सरकार अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है। वहीं 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं। जिसमें ऊर्जा विभाग में 169, गृह विभाग में 51, परिवहन विभाग के 37, राजस्व विभाग के 36, बेसिक शिक्षा के 26, पंचायतीराज के 25, पीडब्ल्यूडी के 18, श्रम विभाग के 16, संस्थागत वित्त विभाग के 16, कामर्शियल टैक्स के 16, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16, ग्राम्य विकास के 15 और वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है।

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