
नई दिल्ली: INX MEDIA CASE में नया मोड़ आया है। CBI ने पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक CBI, चार्जशीट इस महीने के तीसरे हफ्ते में दाखिल कर सकती है। अगर CBI चार्जशीट दाखिल करती है तो चिदंबरम की मुश्कीलें बढ़ सकती है। बताया जा रहा है कि चिदंबरम को जमानत मिलने की संभावना कम हो जाएगी।
दागे गये 450 सवाल…
बहरहाल, चिदंबरम अभी तिहाड़ में हैं, CBI के सूत्रों के मुताबिक हिरासत के दौरान चिदंबरम से CBI ने 100 घंटे में 450 सवाल पूछे थे, जो ज्यादातर एफआईपीबी क्लीयरेंस और कार्ति चिदंबरम से संबंधित थे।
इस दौरान चिदंबरम का सामना सिंधुश्री खुल्लर और प्रबोध सक्सेना समेत पांच व्यक्तियों से कराया गया था।
यह भी पढ़ें: Chandrayaan-2: चांद से टकराया था ‘विक्रम’ लैंडर, अब ISRO को सता रहा ये डर
साथ ही बताया गया कि इस केस में सीबीआई 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लाने की तैयारी कर रही है, उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें कुछ कंपनियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं।
सीबीआई की 15 दिनों की कस्टडी के दौरान चिदंबरम से 100 घंटे से ज्यादा पूछताछ हुई जिसमें FIPB मंजूरी से लेकर, कार्ति की ओर से अन्य आरोपियों को किए गए ई-मेल्स को बारे में सवाल पूछे गए थे।
यह भी पढ़ें: कबाड़ में लुधियानवी! फिर भी अमृता के प्यार को नहीं कर पाया अलग
तिहाड़ में चिदंबरम…
दरअसल, पूर्व गृह मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम तिहाड़ जेल में बंद हैं। बता दें कि दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने INX MEDIA CASE में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
साथ ही चिदंबरम को 5 सितंबर से 19 सितंबर तक उन्हें तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। इससे पहले भी सीबीआई उन्हें रिमांड पर रख चुकी है।
यह भी पढ़ें: रेखा-अक्षय रोमांस! बवाल के बाद ट्विंकल ने करना बंद कर दिया ये काम
सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील ने कहा…
INX MEDIA CASE की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने पी. चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी।
लेकिन तब उनके वकील कपिल सिब्बल की ओर से कोर्ट में दलील पेश की गई कि CBI ने पूर्व वित्त मंत्री को 15 दिन के लिए हिरासत में रखा था, लेकिन कोई सबूत पेश नहीं किया। इसके बाद भी कोर्ट ने चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।
एजेंसी के पास पुख्ता सबूत…
यह भी पढ़ें: 1.16 लाख का चालान! जो बन गया ढाई लाख का, अजीब किस्सा
जांच एजेंसी का कहना है कि पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया की मदद की है। इस बात का CBI के पास पुख्ता सबूत है। एफआईपीबी की मंजूरी के लिए आईएनएक्स मीडिया ने एएससीपीएल और अन्य कंपनियों को जेनेवा, अमेरिका और सिंगापुर के बैंकों से भुगतान किया।
जांच के दौरान बरामद हुए दस्तावेजों और ई-मेल से स्पष्ट होता है कि पैसे का भुगतान एफआईपीबी की मंजूरी के लिए दिया गया।
एफआईपीबी की मंजूरी के समय पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। बताते चलें कि उन पर एफआईपीबी की मंजूरी देने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप है।