कुतिया के संबंधों की खुली पोल, तो मालिक ने बिना सोचे कर डाली ये हरकत

बारिश के मौसम में अगर जरूरी काम रूक जाता है तो उसे करने के लिए चार बार सोचना पड़ता है। इसी तरह शमीम फारूक को एक कॉल आया। दूसरी तरफ से पीपल फोर एनिमल्स (पीएफए) के तिरुवनंतपुरम की सचिव लता को एक जरूरी काम करना था।

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नई दिल्ली : बारिश के मौसम में अगर जरूरी काम रूक जाता है तो उसे करने के लिए चार बार सोचना पड़ता है। इसी तरह शमीम फारूक को एक कॉल आया। दूसरी तरफ से पीपल फोर एनिमल्स (पीएफए) के तिरुवनंतपुरम की सचिव लता को एक जरूरी काम करना था। लेकिन हो रही थी झमाझम बारिश, फिर भी बिना परवाह किए वह अंधेरी रात में जबरदस्त बारिश में अकेली ही निकल पड़ी।

डॉग के गले में मिली चिठ्ठी

वापस आते वक्त उनको एक बहुत सुंदर सी पोमेरियन डॉग दिखी। ये फीमेल डॉग थी। जोकि तिरूवंनतपुरम के अनयारा इलाके में अकेले मिली। शमीम ने इस कुतिया को देखा और उसके पास गई। कुतिया के गले में एक लॉकेट में एक नोट लटका हुआ दिखा।

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जिसमें लिखा था

इस कुतिया को घर से इसलिए निकाल दिया गया है क्योंकि इसे ‘अवैध संबंध’ में लिप्त पाया गया है। इस नोट में ये भी लिखा था। इसकी अच्छी परवरिश हुई है और ये थोड़ा खाना खाती है, इसे पांच दिन में एक बार नहलाया जाता है, इसे खाने में दूध, कच्चा अंडा, और बिस्कुट पसंद है और पिछले तीन साल से ये रोगमुक्त रही है। बस इसकी एक ही बुरी आदत है कि ये बहुत ही लम्बे समय तक भौंकती रहती है।

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जब ये सब शमीम ने पढ़ लिया फिर सोचा कि क्या किसी पालतू कुत्ते को इस आधार पर कोई घर से निकाल सकता है। और वो इंसान जिसने इतने नाजों से किसी कुत्ते को पाला हो। लेकिन अब क्या, शमीम ने इसे संरक्षण में ले लिया था।

ये कुतिया अन्य कुत्तों के साथ उसके घर के आंगन में अच्छा समय गुज़ार रही है। लॉकेट में कुतिया की पूरी गाथा तो लिखी थी, पर उसका नाम नहीं लिखा था। पीएफए में हमें अकेले कुत्ते की देखभाल करने को लेकर कई सारे कॉल आते हैं।

आमतौर पर लोग पहले अपने जान पहचान और मित्र मंडली में अपने पालतू के लिए सुरक्षित घर ढूंढते हैं या फ़ॉस्टर केयर आश्रय ढूँढते हैं। शमीम को ताज्जुब इस बात का था कि इस कुत्ते के मालिक ने इन विकल्पों पर विचार क्यों नहीं किया, यह तो इस बेज़ुबान को अनाथ करने का बेहद ही क्रूर तरीक़ा है।

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बहुत से लोग कुतिया को अपनाने आए

जब इस पोमेरीयन का पता चला उस समय वो अपने मेटिंग में थी और दूसरी नर कुत्तों से वो घिरी थी। किसी ने उसके लिए कुछ खाने को छोड़ दिया था पर उसने उसको सूँघा तक नहीं था। शुरू में वो डरी हुई थी और ग़ुस्से में भी थी पर अब वो मुझे देखकर ख़ुश है”।

धीरे-धीरे ये बात फैली और अब बहुत सारे लोग इस कुतिया को अपनाने आने लगे। शमीम का कहना है कि एक वयस्क मादा कुतिया में मेटिंग चक्र की पुनरावृत्ति हर छह महीने पर होती है। इसे अपनाने वाले चाहें तो उसकी नसबंदी करा सकते हैं ताकि वह दूसरे कुत्तों से घुले-मिले नहीं।

शमीम कहती हैं, उस नोट में उसके लिए जो भी लिखा गया था, वह बिल्कुल सही था। मैं उसको अपने घर के आंगन में खुली जगह पर रखती हूँ। कई बार वो टहलटते हुए बाहर दरवाज़े तक जाती है ये सोचते हुए कि शायद उसको ‘अपने घर’ ले जाने के लिए कोई आए”।

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सीसीटीवी कैमरें से की जा रही असली मालिक की तलाश

हालांकि, पीएफए के वोलंटियरों का कहना है कि वे उस क्षेत्र के सीसीटीवी फूटेज को देख रहे हैं कि असली मालिक कौन है। और उनको सजा दी जा सके।

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इस अधिनियम, 1960 की धारा 11(i) के अनुसार, “किसी पशु को अनाथ छोड़ देना, उसको ऐसी स्थिति में छोड़ देना कि उसे भूख और प्यास के कारण तकलीफ़ हो, तो ये दंडनीय अपराध है”।