केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अपना पहला बजट पेश किया.
बजट 2019-20 पर नेताओं और जन प्रतिनिधियों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं. महिलाओं के लिए बजट को अच्छा बताया गया है. बजट को किसी ने किसानों और गरीबों के हित में बताया है तो किसी ने इसे सिर्फ दिखावा कहा है.
बीजेपी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट किसान और गरीबों के लिए बहुत अच्छा बजट है. अगर सरकार टैक्स नहीं लगाएगी तो कैसे आम आदमी को उसका फायदा देगी और देश की तरक्की होगी?
महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा कि 'मुझे बहुत अच्छा लगा एक महिला ने 50 साल बाद बजट पेश किया. महिलाओं के लिए बहुत कुछ कहा गया है. नारी से लेकर नारायणी तक की बात हुई है, लेकिन अगर किसानों के लिए और कुछ होता तो और अच्छा होता. मेरे हिसाब से गांव-किसान के लिए उतना नहीं हुआ है जितनी उम्मीद कर रहे थे. लेकिन इसके बावजूद बजट ठीक-ठाक है.'
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टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि 'इस बजट में किसी के लिए कुछ खास नहीं है, न तो मिडिल क्लास के लिए और न ही अपर क्लास के लिए. बस सब कुछ दिखावा है, सपना है.'
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बीएसपी के बिजनौर से सांसद मलूक नागर ने कहा कि यह बजट निराश करने वाला है. न तो किसानों के लिए कुछ है न ही आम आदमी के लिए. ऊपर से डीजल और पेट्रोल का रेट बढ़ जाएगा तो किसान खेती किसके लिए करेगा, पता नहीं है. बजट किसके लिए बना है? मेरे हिसाब से आम आदमी और किसान युवा के लिए तो नहीं.
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