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वाशिंगटन: भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक और उसकी टीम को अमेरिकी सेना विभाग की एक एजेंसी से दो करोड़ डॉलर का ऐसा करार हासिल करने में सफलता हासिल की है जिसके तहत ये लोग एक ऐसी प्रणाली का विकास करेंगे जिसमें दिमाग की मदद से कई मानवरहित हवाई वाहनों का नियंत्रण केवल एक जवान कर सकेगा या यहां तक कि बम निरोधक रोबोट भी इस तरह से काम कर सकेंगे।
अमेरिका के अनुसंधान एवं विकास संगठन बेटले में कार्यरत एक वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक गौरव शर्मा के नेतृत्व में यह दल, उन छह दलों में से एक है जो दिमाग और मशीन के रिश्ते को विकसित करेगा। यह जानकारी डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्टस एजेंसी ने दी है।
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शर्मा (40) से कहा गया है कि वे ऐसी प्रणाली विकसित करें जिसमें सैनिक को एक ऐसा हेलमेट पहनने की सुविधा मिल सके जिसकी मदद से वह कई मानवरहित हवाई वाहनों का नियंत्रण अपने मस्तिष्क से करने में सक्षम हो सके या यहां तक कि बम निरोधक रोबोट का अपने दिमाग से नियंत्रण कर सके।
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बेटले की अगली पीढ़ी की नॉनसर्जीकल न्यूरोटेक्नोलॉजी(एन3) कार्यक्रम मिनिमली इनवेसिव न्यूरल इंटरफेस प्रणाली को ‘ब्रेनस्टॉर्म’ (ब्रेन सिस्टम टू ट्रांसमिट ओर रिसीव मैग्नेटोइलेक्ट्रिकल सिग्नल्स) नाम दिया गया है।
करीब दो करोड़ डॉलर की इस परियोजना के लिए चार साल का वक्त दिया गया है।
(भाषा)