
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव परिणाम से ठीक पहले ईवीएम को लेकर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमले तेज कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सोमवार देर रात ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए बीएसपी प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने अपने सैकड़ों समर्थकों संग पहुंचकर धरना दिया।
आरजेडी नेता राबड़ी देवी, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह समेत कई विपक्षी दलों ने ईवीएम और उसकी सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही आरजेडी ट्वीट कर कहा कि गांड़ी में ईवीएम पकड़े गए।
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इस बीच चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर हरेक घटना पर अपना पक्ष रखा है। आयोग ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि सभी EVM कड़ी सुरक्षा में हैं। चुनाव आयोग ने कहा, ‘गाजीपुर में प्रत्याशी के मतदान में इस्तेमाल ईवीएम की निगरानी करने का मुद्दा था जिसे आयोग के दिशा-निर्देशों को बताकर सुलझा लिया गया है।’
इस बीच गाजीपुर के डीएम के बालाजी ने भी चुनाव आयोग को भेजे अपने जवाब में पूरे विवाद के लिए अफजाल अंसारी को जिम्मेदार ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की स्पष्ट व्यवस्था है कि प्रत्येक प्रत्याशी अपने प्रतिनिधियों को स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी के लिए तैनात कर सकते हैं।
1/n Pl note the followg factual reports from concerned Returning Officers in context of varied clips being circulated on media platforms on EVM strong room issues. Clarification issued by RO👇wrt mishandling of EVMs in Chandauli, UP. All extant guidelines issued by ECI followed. pic.twitter.com/wNOS3WmtvL
— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) May 21, 2019
चुनाव आयोग ने गाजीपुर के अलावा चंदौली, डुमरियागंज और झांसी की घटनाओं पर भी बयान जारी किया है। डुमरियागंज में जो आरोप लगे थे, उन मसलों को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मिलकर सुलझा लिया है।
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चुनाव आयोग ने कहा है कि हर काउंटिंग सेंटर पर ईवीएम और VVPAT को राजनीतिक दलों के सामने वीडियोग्राफी कर सुरक्षित रखा गया है। जिस जगह पर ये सभी हैं, वहां पर सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था है। सुरक्षा में CPAF की तैनाती है, प्रत्याशियों को भी स्ट्रॉन्ग रूम में जाने की अनुमति दी गई है। ऐसे में किसी तरह का गलत आरोप लगाना निराधार है।