
वाराणसी: महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भक्तों की भारी भीड़ होगी। इस बार संयोग ऐसा है कि महाशिवरात्रि सोमवार के दिन है। ऐसे में हर शिव भक्त बाबा के दरबार में पहुंचकर कल्याण की कामना करेगा। इसी दिन कुंभ के अंतिम स्नान का पलट प्रवाह भी बनारस पहुंचेगा। इससे शहर में भक्तों की ठसाठस भीड़ होगी।
ये भी पढ़ें- इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में वार्षिक उत्सव फिएस्टा-19 के वेलेडिकरी फंक्शन का आयोजन
फिलहाल यूपी के कई जिलों के साथ ही बिहार, एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के भक्तों की भारी भीड़ पहले ही बनारस आ चुकी है। माना जा रहा है कि लगभग पांच लाख लोग बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन करेंगे। लिहाजा सुरक्षा के पुख्ता इतंजाम किए गए हैं। दर्शन-पूजन में किसी तरह की गड़बड़ी ना हो, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर निगहबानी की जा रही है। पुलिस ने अभेद्य सुरक्षा चक्र तैयार किया है।
चार घंटे तक आम श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे दर्शन
महाशिवरात्रि पर चार घंटे आम श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन नहीं कर पाएंगे। मंदिर प्रशासन ने सुबह सात से 11 बजे तक का समय अखाड़ों के साधु संतों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन सात से 11 बजे तक सभी अखाड़ों के महा मंडलेश्वर, दिगंबर संत, संन्यासी दर्शन करेंगे। इन्हें चार नंबर द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। परंपरा के अनुसार इस दौरान कोई अन्य व्यक्ति दर्शन पूजन नहीं करता है, इसलिए प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यही नहीं इस बार श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी की जाएगी।
ये भी पढ़ें- बीजेपी के शत्रु बोले- सिचुएशन कोई भी हो लोकेशन वही रहेगी
छावनी में तब्दील हुआ मंदिर और घाट का इलाका
पुलवामा में हुई आतंकी घटना के बाद विशेष एहतिहात बरता जा रहा है। मंदिर से लेकर गंगा घाट का इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। जगह-जगह विशेष कमांडों तैनात किए गए हैं। पैरा मीलिट्री फोर्स के साथ पीएसी और स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाल रखा है। डॉग स्क्वाएड की मदद से चप्पे-चप्पे की छानबीन की जा रही है।
यही नहीं घरों की छतों पर स्नापर्स तैनात किए गए हैं। एसएसपी आनंद कुलकर्णी के मुताबिक सिक्योरिटी को लेकर खास इंतजाम किया गया है। समस्त सर्किल आफिसर व थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देशित किया गया है। किसी भी तरह की कोई बात होती है तो श्रद्धालु अपनी शिकायत थाना में दर्ज करा सकते है।
प्रयागराज में शिवरात्रि के लिए चाक चौबंद व्यवस्था, होगी व्यापक भीड़
प्रयागराज कुम्भ मेले के अंतिम स्नान पर्व शिव रात्रि के मौके पर गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में डुपकि लगाने के लिए श्रद्धालुओं का रेला संगम छेत्र में बढ़ता जा रहा है। इस अंतिम स्नान पर्व पर 1 करोण लोगो के संगम में पवित्र डुपकि लगाने का दावा प्रशासन ने किया है।
सारे पर्व बीत जाने का बाद शिव रात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए है। जल थल और वायु मार्ग पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु भी शिव की जटा से निकली मां भगवती गंगा का आशीर्वाद लेने दूर दूर से आ रहे हैं। सभी भगतों का मानना है कि पुण्य की डुबकी लगाने से उनका जीवन सफल हो जाएगा।
बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में बम भोले के उद्घोष से गूंज रहीं चारों दिशाएं
शिवरात्री पर आज लोधेश्वर महादेवा में चारों दिशाएं बम भोले के उद्घोष से गूंज रहीं हैं। शिवभक्त कंधे पर कांवर रख कर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके महादेवा मंदिर पहुंचे हुए है। कांवड़ियों का तांता लगा हुआ है। उन्नाव, कानपुर, रायबरेली समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों से शिवभक्त बाराबंकी के महाभारत कालीन प्राचीन शिव मंदिर महादेवा पहुंचे हुए हैं और जिले में सभी जगह बम भोले, शिव शंकर के जयकारे गूंज रहे हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है।
ये है मान्यता
बाराबंकी का ये महादेवा मंदिर हजारों वर्ष पुराना महाभारत कालीन समय का है। ये मंदिर लोधेश्वर महादेव के नाम से भी प्रसिद्द है। घाघरा नदी के किनारे स्थित इस महादेवा शिवमंदिर की शिवलिंग एक खेत से निकली थी और ये खेत किसान लोधेराम का था। पौराणिक कहानी के अनुसार मान्यता है की इस शिव मंदिर में जो भी शिवभक्त जलाभिषेक करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। इसी महत्ता को देखते हुए आज शिवरात्रि पर शिवभक्त अपने आराध्य महादेव को गंगाजल, दूध, घी, बेलपत्र, धतूरा, फूल व फल चढ़ाकर आशुतोष अवढरदानी से अभीष्ट की कामना कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- चौक से निकला आरएसएस स्वयंसेवकों का पथ संचलन
भांग की बूटी, गुलाल की मस्ती के बीच हाथों में गंगाजल लिए भक्त, जुबान पर हर-हर बम-बम का तराना महादेवा में गूंज रहा है। भोले बाबा की मस्ती में डूबे शिवभक्तों का रेला महादेवा पहुंच रहा है। बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारे लगाते कांवरियों व शिवभक्तों का समूह भोले बाबा की नगरी महादेवा में झूम रहा है। महादेवा पहुंचे शिवभक्तों के गीतों, नृत्य व जयकारों की गूंज ने समूचे रामनगर क्षेत्र को शिवमय कर दिया।
लखनऊ व्यापार मंडल से जुड़े मनोज अवस्थी की मानें तो वह सालों से महादेवा आकर यहां दूर-दूर से आने वाले भक्तों को भंडारा करा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां आकर भोलेनाथ के दर्शन करके सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। वहीं दूसरे कई भक्तों ने बताया कि उनकी रोजी-रोटी और पारिवारिक विवादों से संबंधित कई समस्याएं दूर हो गई। लोधेश्वर महादेव की चौखट से कोई खाली हाथ नहीं जाता है। जब से वह यहां आने लगे हैं जिंदगी की तमाम समस्याएं दूर हो गई हैं।
ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश सरकार ने होम्योपैथी का बजट बढ़ाकर 10 गुना किया
प्राचीन काल महाभारत के समय का है शिवलिंग
महादेवा मंदिर के पुजारी रामदास की मानें तो ये शिवलिंग प्राचीन काल महाभारत के समय का है। पाचों पांडवों ने इस शिवलिंग को स्थापित कर पूजा अर्चना की थी और ये शिवलिंग कालांतर में लुप्त हो गयी थी। बाद में ये शिवलिंग किसान लोधेराम के खेत से मिला थी। तभी से लेकर आज तक यहां आस्था सिर चढ़ कर बोलती है। जबकि कई विद्वानों का मानना है की भारत में कुछ विशेष स्थानों पर शिवलिंग का खुद से प्रकट हुआ। उनमे से एक महादेवा भी है। यही वजह है की लोधेश्वर महादेव की आराधना कभी खाली नहीं जाती और यहां भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती हैं।