चोर चुस्त\, पुलिस सुस्त; चार लाख से ज्यादा चोरियां\, दिल्ली पुलिस ने सिर्फ 57 हजार मामले सुलझाए

चोर चुस्त, पुलिस सुस्त; चार लाख से ज्यादा चोरियां, दिल्ली पुलिस ने सिर्फ 57 हजार मामले सुलझाए

दिल्ली पुलिस चोर पकड़ने में सुस्त

गृह राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने राज्य सभा में बताया साल 2018 में नवंबर तक पुलिस ने चोरी के 165296 मामले दर्ज किए। इनमें से 18194 मामले रद्द किए गए। 

इंद्र वशिष्ठ / दिल्ली

देश की राजधानी में लोग सबसे ज्यादा चोरों से त्रस्त है। घर बाहर कहीं भी सुरक्षित नहीं है। हर समय नकदी, सामान, गाड़ी आदि चोरी हो जाने का डर बना रहता है। जेब से लेकर घर, दुकान, फैक्ट्री, गोदाम , गाड़ी आदि सब कुछ चोरों के निशाने पर हैं।

दिल्ली पुलिस के अपराध के आंकड़ों से भी पता चलता है कि सबसे ज्यादा चोरी की वारदात होती हैं। यह अपराध सबसे ज्यादा हो रहा है इसके बावजूद पुलिस चोरों को पकड़ने और चोरी का माल बरामद करने में फिसड्डी साबित हुई हैं। इसका पता पुलिस के आंकड़ों से चलता है। पिछले तीन साल में चोरी के 461989 मामले दर्ज किए गए । सिर्फ 57100 मामले पुलिस ने सुलझाए है। सिर्फ 27216 मामलों में ही चोरी का माल बरामद किया गया है। पुलिस ने सिर्फ 18581 मामलों में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। इससे पता चलता है कि चोरी के मामलों को सुलझाने में पुलिस की बिल्कुल रुचि नहीं है।

गृह राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने राज्य सभा में बताया साल 2018 में नवंबर तक पुलिस ने चोरी के 165296 मामले दर्ज किए। इनमें से 18194 मामले रद्द किए गए। 147102 मामलों में से पुलिस ने सिर्फ 20141 मामले सुलझाए है। इनमें से भी सिर्फ 7852 मामलों में चोरी हुआ सामान बरामद हुआ है। 23776 चोरों को गिरफ्तार किया गया है।

साल 2017 में चोरी के 165765 मामले दर्ज किए गए। इनमें 19796 मामले रद्द किए गए। चोरी के 145969 मामलों में से 22438 मामले सुलझाने में पुलिस सफल हुई। सिर्फ 10406 मामलों में चोरी का सामान बरामद कर पाई। 26337 चोर गिरफ्तार किए गए।

साल 2016 में चोरी के 130928 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 8999 मामले रद्द किए गए। चोरी के 121929 मामलों में से 14521 मामले सुलझाए गए सिर्फ 8958 मामलों में चोरी का सामान बरामद किया गया। 17685 चोर गिरफ्तार किए गए।

पुलिस की तफ्तीश का आलम यह है कि साल 2016 में 8003, साल 2017 में 7411और साल 2018 में 3167 मामलों में ही अदालत में आरोपपत्र /चालान दाखिल किया गया।
गृह राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने सांसद रवि प्रकाश वर्मा के सवाल पर राज्य सभा में यह जानकारी दी।

हालांकि पुलिस के यह आंकड़े सच्चाई से कोसों दूर है। क्योंकि पुलिस अपराध कम दिखाने के लिए अपराध के सभी मामलों को सही दर्ज ही नहीं करती है। अगर पुलिस ईमानदारी से जेब कटने और मोबाइल चोरी के ही मामले दर्ज करे तो चोरी के मामलों का आंकड़ा दस लाख से भी ऊपर पहुंच सकता है। इसका पता इससे लगाया जा सकता है कि दिल्ली में हर महीने ही करीब दो लाख मोबाइल फोन चोरी/गुम ,लूट/झपट लिए जाते है। यानी रोजाना लगभग सात हजार लोग अपना मोबाइल फोन गंवा देते है।

30जून 2018 तक ही मोबाइल चोरी/ खोने/ लूट के करीब बारह लाख (1158637)मामले दर्ज हुए है । इनमें 1129820 मामले मोबाइल गुम/खोने , 26440 चोरी, 1715 झपटमारी और 662 लूट के तहत दर्ज हुए है ।