हिंदी दिवस के नाम रहा ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल

Published on September 15, 2018 by   ·   No Comments

आई एन वी सी न्यूज़

नई दिल्ली

फिल्म और साहित्य एक दूसरे के पूरक रहे है, जिस प्रकार एक अच्छी फिल्म के लिए निर्देशक, संगीतकार, गीतकार और कलाकारों की आवश्यकता होती है उसी प्रकार साहित्य में भी कहानी के पात्र और आधुनिकता  होना बहुत आवश्यक है, एक अच्छी कहानी और एक अच्छा स्क्रीनप्ले एक बेहतरीन फिल्म को जन्म दे सकता है, यह कहना था फिल्म मेकर विवेक अग्निहोत्री का जो मारवाह स्टूडियो में चल रहे तीन दिवसीय ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल के दूसरे दिन समारोह में शिरकत करने पहुंचे, उन्होंने छात्रों को बताया की जो भी करे अच्छा करे और लिखने की आदत डाले, कई बार हमारे दिमाग में अच्छा विचार आता है तो हमे तुरंत लिख लेना चाहिए क्योकि लिखी हुई बात को हम भूल नहीं सकते।  इस अवसर पर लिसोथो के राजदूत बोथोट सिकोन, एनटीपीसी  विध्यांचल के एडी ऐ. के. तिवारी, कहानीकार पंकज मित्रा, प्रकाशक राकेश बिहारी और कथाकर बालचंद्र जोशी उपस्थित रहे।

लिसोथो के राजदूत ने कहा की इंडिया आकर मुझे एक दिली सुकून मिलता है क्योकि यहाँ के लोग बहुत ही मिलनसार और मुस्कुराहट वाले है, जितना कलरफुल यह देश है उतना ही कलरफुल इसका साहित्य है और यहाँ के छात्रों का जोश बहुत पॉजिटिव है जो आपको ऊर्जा देता है। संदीप मारवाह ने इस अवसर पर कहा की इस समारोह में हमेशा अच्छा ही सुनने को मिलता है और जो भी दिग्गज यहाँ आते है वो अपनी अपनी श्रेणी में अव्वल है , मैं तो हमेशा ऐसे लोगो के सानिध्य में खुद को और युवा महसूस करता हूँ और चाहता हूँ की मेरे छात्र भी जितना ज्ञान अर्जित कर सके कर ले। पंकज मित्रा ने कहा की हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर आप सबको बधाई, क्योकि जितना साहित्य हिंदी में लिखा गया है उतना किसी अन्य भाषा में नहीं। इस अवसर पर विवेक अग्निहोत्री की पुस्तक ‘अर्बन नेक्सलस’ और एनटीपीसी के सौजन्य से एक पुस्तक” खिला है जो बिजली का फूल” सीडी के रूप में लांच की गयी।