भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे अटल जी

Published on August 23, 2018 by   ·   No Comments

आई एन वी सी न्यूज़
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश विधान सभा के वर्तमान सत्र के पहले दिन आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी ने कहा कि अटल जी की चर्चा के लिए आज शब्दकोश खाली है। वाणी असमर्थ है। कोई भी शब्द अटल जी के महान व्यक्तित्व को अभिव्यक्त करने में समर्थ नहीं है। अटल जी महानायक थे। सम्पूर्ण प्रकृति और भारत माता ने उन्हें सप्रयास गढ़ा था। आकाश, जल, पृथ्वी, अग्नि आदि सभी तत्वों ने उन्हें अपने गुणों से नवाजा। आकाश ने उन्हें विराट बनाया, जल ने सरसता दी तो अग्नि ने प्रतिष्ठा दी।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि अटल जी ने जिस भी क्षेत्र में कार्य किया, एक मानक स्थापित कर दिया। नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनके तरीके वैदिक मंत्रों की भांति याद किये जाएंगे। प्रधानमंत्री के रूप में उनका व्यवहार और शैली विशिष्ट थी। यद्यपि अटल जी उत्तर प्रदेश के हैं, किन्तु देश के सभी सदनों में उनकी सघन उपस्थिति सदैव महसूस की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे सदन की भावनाओं और विचारों से स्व0 अटल जी के परिजनों, प्रशंसकों तथा पार्टी तक पहुंचाएंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे। उनके निधन से एक महायुग का अवसान हो गया। अटल जी का व्यक्तित्व बहुआयामी और प्रेरक था। सभी दल उनका सम्मान करते थे। उनका 06 दशक का निष्कलंक राजनैतिक जीवन सदैव याद किया जाएगा। डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं0 दीनदयाल उपाध्याय से उन्होंने राजनीति के संस्कार ग्रहण किए तथा उन्हीं के बल पर सुशासन की आधारशिला रखी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अटल बिहारी वाजपेयी जी की कर्मभूमि है। उन्होंने सर्वाधिक समय तक उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। अटल जी ने एम0ए0 की शिक्षा डी0ए0वी0 काॅलेज कानपुर में ग्रहण की थी। वर्ष 1957 में बलरामपुर से विजयी होकर वे पहली बार लोकसभा में पहुंचे। प्रधानमंत्री के रूप में श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लोकसभा में लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे 05 बार यहां से लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी जी वर्ष 1957, 1967, 1971, 1977, 1980, 1991, 1996, 1998, 1999 तथा 2004 में 10 बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1962 एवं 1986 में वे राज्य सभा के सदस्य चुने गये। श्री मोरारजी देसाई की जनता पार्टी की सरकार में वे 1977-79 तक भारत के विदेश मंत्री रहे। वर्ष 1968-73 तक वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष, वर्ष 1977-80 तक जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य तथा वर्ष 1980-86 तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। अटल जी 16 मई, 1996 से 31 मई, 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री तथा 1996-97 में लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। वे 1998-99 तक पुनः भारत के प्रधानमंत्री बने। 1999 में तेरहवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के पश्चात वे 13 अक्टूबर, 1999 से मई, 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। उन्होंने देश में आधारभूत ढांचे के विकास और भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी कार्य किए। उनका मानना था कि देश के विकास का केन्द्र बिन्दु ग्रामीण भारत ही हो सकता है। अपने प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लागू कर उसे मूर्तरूप दिया। उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, सर्वशिक्षा अभियान आदि की भी आधारशिला रखी। देश के विकास के उनके अमूल्य योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने शांति और सौहार्द पर बल दिया, किन्तु देश की अखण्डता और सुरक्षा से समझौता नहीं किया। उन्होंने  परमाणु शक्ति का परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र घोषित किया। कारगिल युद्ध के दौरान धैयपूर्वक प्रभावी कार्यवाही कर भारतीय क्षेत्र को मुक्त कराया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देशहित में कठोर फैसले लेने वाले अटल जी एक संवेदनशील कवि भी थे। संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियों, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेक आयामों के प्रभाव और अनुभूतियों ने उनकी कविताओं में हमेशा अभिव्यक्ति पायी। अटल जी पत्रकारिता के क्षेत्र में ही सक्रिय रहे। उन्होंने ‘पांचजन्य’, ‘राष्ट्रधर्म’ और ‘वीर अर्जुन’ जैसी पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया। वे ओजस्वी वक्ता थे। विरोधी भी उनकी बात गम्भीरता से सुनते थे। भारत के विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में भाषण देकर हिन्दी भाषा का सम्मान बढ़ाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय संसद की गौरवशाली परम्पराओं को समृद्ध करने के लिए अटल जी को सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार प्रदान किया गया। राजनेता के रूप में योगदान के लिए उन्हें पदम्विभूषण तथा राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं के दृष्टिगत उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से देश ने अपना एक सपूत खो दिया है। उन्होंने सम्मानित सदन की भावनाओं को स्व0 अटल जी के परिवार तक पहुंचाने का विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध भी किया।
इस अवसर पर नेता विरोधी दल श्री राम गोविन्द चैधरी, बहुजन समाज पार्टी के श्री लालजी वर्मा, कांग्रेस के श्री अजय कुमार ‘लल्लू’, अपना दल के श्री नीलरतन सिंह पटेल ‘नीलू’, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता व मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर ने भी स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि देते हुए विधानसभा अध्यक्ष से अपने-अपने दलों की भावनाओं से स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी के परिजनों को अवगत कराने का अनुरोध किया। इस अवसर पर विधान सभा सदस्यगण द्वारा कुछ समय मौन धारण कर पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गयी।