बौद्धिक एवं वैचारिक रूप से मजबूत होना चाहिए

Published on August 11, 2018 by   ·   No Comments

आई एन वी सी न्यूज़
भोपाल ,

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि भारत में किसी भी समस्या का समाधान दो विभिन्न विचारों के परस्पर संवाद और मंथन द्वारा ही संभव हुआ है। आज जब संपूर्ण विश्व में वैचारिक ध्रुवीकरण की परिस्थिति उत्पन्न है, ऐसे समय में सभी विचारों के मध्य संवाद स्थापित करना भारत का मूलभूत कर्तव्य है। विश्व की सर्वाधिक युवा शक्तियों में से एक हमारा देश भारत है, जो आज भी सभी क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियाँ हासिल कर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि युवाओं में अनुशासन होना सबसे बड़ा गुण है। छात्र-छात्राओं को धैर्य, संयम, शांति और साहस की भी शिक्षा प्राप्त करना चाहिए। श्रीमती पटेल ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि इस प्रकार की पहल मध्यप्रदेश में हो रही है। उन्होंने कहा कि जब देश का युवा आत्म केन्द्रित न होकर, नि:स्वार्थ भाव से चिंतन, मंथन करता है, तो यह एक महान वैचारिक क्रांति का सूत्रपात सिद्ध हो सकता है।

राज्यसभा सदस्य श्री राकेश सिन्हा ने कहा कि न थकने वाला और न हारने वाला युवा ही देश को आगे ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा देश विश्व गुरू था, यही उसका स्थान है। हमारे देश को भारत के रूप में देखना है, तो उसी दृष्टि से अपनी विरासत का अध्ययन करें। अगर युवा भूतकाल का अध्ययन करता और सोचता है, तो भूतकाल बनकर रह जायेगा। हमें भविष्य के लिये चिंतन करना है। विचार के प्रवाह को आगे बढ़ाना है, तो युवाओं को आगे बढ़ना होगा। राष्ट्र को जानने से पहले उसके इतिहास को जानें। भारत एक विचार है, उसे उसी के रूप में पहचानें। हमें अपनी सभ्यता को नहीं भूलना है। श्री सिन्हा ने कहा कि दलित, अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की दीवार को मिटाना चाहिये। सिर्फ गरीब के उत्थान के बारे में चर्चा करना चाहिए।

कार्यक्रम में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने आमंत्रितों का स्वागत किया। कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के संपादक श्री जे. नंद कुमार, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रकाश वर्तुनिया तथा बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।



 

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