AMN / नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता के केंद्र से चंद किलो मीटर दूर मंडावली इलाके में भूख से तीन बहनों की हुई मौत ने पूरी दुनिया का ध्यान ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है।
तीव्र विकास का दावा करने वाले भारत की सच्चाई सामने आ गई है। दिल्ली पर आम आदमी की सरकार का दावा करने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल के कामकाज पर सवाल उठना लाजमी है। फिलहाल केंद्र सरकार ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं। आज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चला। भाजपा नीत केन्द्र सरकार ने इस घटना के लिए केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा जबकि दिल्ली सरकार ने समाज के बड़े तबके के लिए मूलभूत जरूरतों की कमी का मुद्दा उठाया। इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में दिल्ली सरकार और केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस भेजा।
शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार , उनकी मौत भूख के कारण हुई है। पुलिस ने शवों का जीटीबी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से फिर से परीक्षण कराया है उसमें भी भूख से मौत की पुष्टी हो चुकी है। जीटीबी अस्पताल में हुए दूसरे पोस्टमार्टम में किसी चोट के निशान नहीं मिले हैं।
एलबीएस अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमिता सक्सेना ने बताया, ”जख्म का निशान नहीं था। यह पूरी तरह कुपोषण का मामला लगता है। शरीर में हड्डियां निकल आयी थी और पेट, मूत्राशय और मलाशय पूरी तरह खाली था। सक्सेना ने कहा कि पेट पूरी तरह खाली था इसलिए विशेषज्ञों ने जहर खाने जैसी किसी साजिश की आशंका नहीं जतायी है।
उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण रामविलास पासवान ने कहा, ‘हमने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
दिल्ली में तीन नाबालिगों की दर्दनाक मौत स्तब्ध करने वाली है क्योंकि 3.29 लाख रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ राज्य देश में दूसरे स्थान पर है और यह राष्ट्रीय औसत का करीब तीन गुना है। पुलिस ने मंगलवार को पूर्वी दिल्ली के मंडावली में भूख से तीन लड़कियों की मौत मामले में उनके पिता का पता लगाने के लिए टीमें गठित कीं। यह मुद्दा संसद में भी उठा जहां भाजपा सदस्यों ने आप सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली में ”राशन घोटाले के कारण सस्ता खाद्यान्न गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है।
वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने आप के कुछ नेताओं के उस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि राशन के लिए प्रस्तावित डोर स्टेप डिलिवरी से इन मौतों को रोका जा सकता था। सूत्रों ने बताया कि यह परिवार सब्सिडी वाले राशन का पात्र नहीं था क्योंकि उनके पास राशन कार्ड नहीं थी । आप सरकार ने उपराज्यपाल पर इस योजना को लागू न करने देने के आरोप लगा रही है। सूत्रों का कहना है कि राशन कार्डधारकों के मानक तय करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। खाद्य वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की ही होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी सिर्फ सब्सिडी रेट पर स्टेट के गोदामों को सामान उपलब्ध कराना है।
उधर,दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने इस मामले में पुलिस और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लड़कियों का पिता दिहाड़ी मजदूर है और वह 24 जुलाई की सुबह काम की तलाश में घर से गया था लेकिन वापस नहीं लौटा। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है और इस संबंध में उससे पूछताछ की जाएगी।
आयोग ने मंडावली थाने के प्रभारी और प्रीत विहार (पूर्वी जिला) के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक रिपोर्ट देने को कहा। इस मामले में सरकार ने मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने रिपोर्ट में मौत की परिस्थितियों और माता पिता की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी मांगी। उल्लेखनीय है कि दो , चार और आठ साल की तीन बहनों को लेकर उनकी मां और एक पारिवारिक दोस्त लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचे थे जहां उन्हें मृत घोषित किया गया।
मूल रूप से पश्चिम बंगाल निवासी मंगल पिछले काफी दिनों से मंडावली में अपनी पत्नी बीना और तीन बच्चियों के साथ रहता था और रिक्शा चलाकर और दिडाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। वहीं, मंगल की पत्नी वीना मानसिक रूप से बीमार है। पिछले कुछ दिन से काम नहीं मिलने की वजह से मंगल काफी परेशान था। इसकी वजह से वह अपने कमरे का किराया भी नहीं दे पा रहा था। इसलिए मकान मालिक ने उसे अपने घर से निकाल दिया था और पूरा परिवार सड़क पर आ गया। मंगल का एक रिश्तेदार नारायण जो मंडावली में ही रहता है और एक होटल में काम करता है। वह मंगल के पूरे परिवार को अपने किराए के कमरे में शनिवार को लेकर आ गया।
वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्तब्ध करने वाली घटना ” हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी नाकामी का परिणाम है।
सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) निदेशालय से क्षेत्र में रह रहे लोगों का रिकार्ड रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी देने और जवाबदेही तय करने को कहा। उधर, दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में पुलिस और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने मंडावली थाने के प्रभारी और प्रीत विहार (पूर्वी जिला) के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किये और कल तक रिपोर्ट देने को कहा। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने पूर्वी दिल्ली के एसडीएम कार्यालय का दौरा किया और लड़कियों की मां से मुलाकात की। हालांकि बच्चियों की मां की मानसिक स्थिति सही नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा , ” मैं कहना चाहता हूं कि ये मौतें भूख से हुई हो या गरीबी या बीमारी से , यह हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी नाकामी है।
सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के योजना विभाग को राष्ट्रीय राजधानी में बच्चों की पूरी जनगणना करने का निर्देश दिया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले आईसीडीएस की आलोचना करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आईसीडीएस का गठन भूख से पीड़ित बच्चों की मदद करने