जेएनयू में इस्लामी आतंकवाद कोर्स शुरू नहीं होगा

Published on July 5, 2018 by   ·   No Comments

जमीयत उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के पत्र एवं नोटिस के उत्तर में युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का स्पष्टीकरण


आई एन वी सी न्यूज़

नई दिल्ली

स्पस्ट रहे कि पिछले दिनों मई माह में मौलाना महमूद मदनी ने विभिन्न जानकार सूत्रों और युनीवर्सिटी के अहम ज़िम्मेदारों की तरफ से इस तरह की खबर आने के बाद ,मानव विकास एवं संसाधन मंत्रालय भारत सरकार, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर एम जे कुमार और चांसलर श्री विजय कुमार सारस्वत  को पत्र लिख कर इसका कड़ा विरोध किया था मौलाना महमूद मदनी ने अपने पत्र में आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ कर दिखाने को एक घिनौनी साजिश और इस्लाम धर्म का अपमान करार दिया था .मौलाना मदनी ने अपने पत्र में जेएनयू प्रशासन को चेताया था कि अगर उसने अपना फ़ैसला वापस नहीं लिया तो जमीयत उलमा ए हिन्द कानूनी –अदालती कार्रवाही करने पर मजबूर होगी .इस सिलसिले में जमीयत उलमा ए हिन्द ने जेएनयू प्रशासन से शीघ्र से शीघ्र जवाब मांगा था जिसके बाद जेएनयू के रजिस्ट्रार ने मौलाना मदनी को एक पत्र लिख कर अपनी ओर से स्पष्टीकरण दिया है

जेएनयू प्रशासन के स्पष्टीकरण के बाद मौलाना महमूद मदनी ने संतोष प्रकट करते हुए कहा कि अब और किसी तरह की कार्रवाही की आवश्यकता नहीं है ,हमें आशा है कि युनीवर्सिटी अपने धर्मनिरपेक्ष चरित्र और उच्च शैक्षिक मूल्यों के लिए कार्य जारी रखेगी