बच्चे भगवान के रूप

Published on June 22, 2018 by   ·   No Comments
आई एन वी सी न्यूज़
रायपुर,
कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी रायपुर में मल्टी स्पेशिलिटी स्पीच थेरेपी पुर्नवास केन्द्र की स्थापना की विशेष आवश्यकता पर जोर दिया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि रायपुर में इस तरह का सेन्टर खोलने से छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आसपास के सात राज्यों के मूक-बधिर बच्चों को फायदा होगा। श्री अग्रवाल आज यहां छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा ’बधिरता की शीघ्र पहचान, शीघ्र हस्तक्षेप और शीघ्र उपचार’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमीनार को सम्बोधित कर रहे थे। सेमीनार में विषय-विशेषज्ञ अखिल भारतीय वॉक एवं श्रवण संस्थान मैसूर के डॉ. आलोक उपाध्याय, डॉ. पुष्पावती एम. तथा सीआरसी भोपाल के श्री के.के. वर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि परिषद की ओर से पुर्नवास केन्द्र की स्थापना के लिए पहल की जाती है, तो हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं। कुदरती तौर पर शारीरिक और मानसिक रूप से कुछ कमियों वाले बच्चों के जीवन में खुशियां लाना भगवान की पूजा से भी बड़ा पुण्य का काम होता है। इस तरह के छोटे-छोटे बच्चों के माता-पिता अनजाने में अपने बच्चों की समस्याओं को नहीं समझ पाते और उन्हें गूंगा-बहरा समझ लेते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के मां-बाप गरीबी के कारण भी इस तरह के कमियों वाले बच्चों का इलाज भी नहीं करा पाते। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद से लम्बे समय से जुड़े होने के कारण राजधानी रायपुर में स्पीच थेरेपी पुर्नवास केन्द्र की स्थापना के लिए कोशिश चल रही है। उम्मीद है कि भविष्य में यह सेंटर अवश्य खुलेगा। श्री अग्रवाल ने बैठक में अखिल भारतीय वॉक एवं श्रवण संस्थान मैसूर के विषय विशेषज्ञों की सेमीनार में उपस्थिति की विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि इस संस्थान के सहयोग से छत्तीसगढ़ में पुर्नवास केन्द्र खोलने की पहल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले शुरूआत करने की जरूरत है। सबके सहयोग से यह काम जरूर पूरा होगा। श्री अग्रवाल ने कार्यक्रम में राजधानी रायपुर में मूक बधिर बच्चों के लिए काम करने वाली विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और मूक बधिर बच्चों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

सेमीनार में विषय विशेषज्ञों ने मूक बधिर बच्चों की पहचान और उपचार के संबंध में विशेष मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के महासचिव डॉ. अशोक त्रिपाठी, संयुक्त सचिव एवं कार्यक्रम संयोजक श्री प्रकाश अग्रवाल, श्रीमती इंदिरा जैन सहित अन्य पदाधिकारी और राजधानी रायपुर में मूक-बधिर बच्चों के लिए कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।