मिल मालिकों का सरकार पर करोड़ों बकाया

Published on June 7, 2018 by   ·   No Comments

आई एन वी सी न्यूज़
चंडीगढ़,

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने खाद्य आपूर्ति मंत्री के साथ की मंथन बैठक
राज्य में धान का सीजन देरी से शुरू करने की उठाई मांग

चंडीगढ़। पंजाब की पूर्व अकाली-भाजपा सरकार की अनदेखी के चलते राज्य के राइस मिल मालिकों के सरकार की तरफ करोड़ों रुपए बकाया खड़े हैं। जिसकी अदायगी की मांग को लेकर आज पंजाब राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्ञान चंद भारद्वाज के नेतृत्व में पंजाब के विभिन्न जिलों से आए हुए राइस मिल मालिकों ने पंजाब के खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु के साथ मुलाकात की। मंत्री ने राइस मिल मालिकों को इस मामले उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
राइस मिल एसोसिएशन पंजाब के महासचिव अश्वनी कुमार, नामदेव अरोड़ा, एसोसिएशन के उपप्रधान सतप्रकाश गोयल, बलविंदर सिंह, अमरनाथ, राजिंदर छाबड़ा, जयपाल गोयल, संजीव ढल्ल तथा सुमित नरूला ने बताया कि पंजाब में इस समय करीब 3700 चावल मिल हैं। पंजाब की पूर्व सरकार द्वारा बारदाने का गलत मूल्यांकन किए जाने के कारण धान की भराई में इस्तेमाल होने वाली 50 करोड़ बोरियों (बारदाने) के करीब 700 करोड़ रुपए बकाया खड़े हैं। राइस मिल मालिकों को इसकी अदायगी के लिए कई वर्षों से टालमटोल की जा रही है।
उन्होंने बताया कि पूर्व राज्य सरकार ने वर्ष 2012 से लेकर 2014 तक की अवधि के दौरान लेट डिलीवरी के नाम पर राइस मिल मालिकों से सरचार्ज के रूप में धनराशि वसूल की थी। जिसे बाद में एफसीआई द्वारा वापस कर दिया गया लेकिन राज्य सरकार ने मिल मालिकों को यह धनराशि वापस नहीं की। जिसके चलते इस मद के तहत सरकार की तरफ मिल मालिकों के करीब 80 करोड़ रुपए बकाया खड़े हैं।
पूर्व सरकार द्वारा राइस मिल में ड्रायर मशीन लगाए जाने की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए मिल मालिकों ने कहा कि अगर वह इस तरह की मशीनों को अपने उद्योग परिसर में लगाते हैं तो इससे यह बात प्रमाणित हो जाएगी की पंजाब में राइस मिल मालिकों द्वारा नमी वाला धान खरीदा जा रहा है। ऐसे में ड्रायर लगाने का कोई औचित्य नहीं है।
मंत्री के साथ बैठक में राइस मिल मालिकों ने कहा कि पहले पंजाब में किसानों द्वारा धान की रोपाई 15 मई के आसपास की जाती थी और मंडियों में धान का सीजन एक अक्तूबर से शुरू होता है लेकिन अब किसानों द्वारा धान की रोपाई 20 जून के आसपास की जा रही है लेकिन सरकार द्वारा मंडियों में धान की आवक के सीजन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जिसके चलते मंडी पहले शुरू होने के कारण किसान नमी वाली धान मंडी में लेकर आते हैं। ऐसे में धान के सीजन के लिए मंडी का समय 15 अक्तूबर से शुरू किया जाना चाहिए।
राइस मिल मालिकों ने पंजाब सरकार से मांग उठाई है कि वह केंद्र सरकार की एजेंसी एफआईसी को इस बात के लिए बाध्य करे कि वह पिन प्वांयट डैमेज के नाम पर राइस मिल मालिकों को परेशान करना बंद करे क्योंकि इसकी आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। पंजाब के विभिन्न शहरों से आए हुए राइस मिल मालिकों से बातचीत के दौरान खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने इस मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।