तीसरी संतान की 'मां नहीं हैं', यह साबित करने के लिए महिला सरपंच को करवानी होगी डीएनए जांच

एक अधिकारी ने बताया कि तोरी गांव की सरपंच ज्योति राठौड़ तीन बच्चों की मां होने की वजह से अयोग्य ठहराई जा सकती हैं. पंचायती राज अधनियम के तहत किसी महिला या पुरुष सरंपच के दो से अधिक बच्चे नहीं

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तीसरी संतान की 'मां नहीं हैं', यह साबित करने के लिए महिला सरपंच को करवानी होगी डीएनए जांच

प्रतीकात्मक फोटो

राजकोट: गुजरात के अमरेली जिले में एक महिला सरपंच को जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि यह साबित करने के लिए डीएनए जांच कराए कि वह अपनी कथित तीसरी संतान की मां नहीं है.

एक अधिकारी ने बताया कि तोरी गांव की सरपंच ज्योति राठौड़ तीन बच्चों की मां होने की वजह से अयोग्य ठहराई जा सकती हैं. पंचायती राज अधनियम के तहत किसी महिला या पुरुष सरंपच के दो से अधिक बच्चे नहीं हो सकते.

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बल्लभभाई राठौड़ ने दिसंबर, 2016 में ज्योति के निर्वाचन को चुनौती दी. आरोप है कि ज्योति के तीन बच्चे हैं, लेकिन चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपने तीसरे बच्चे की जानकारी छिपाई. उनकी तीसरी संतान लड़की है.

इनपुट- भाषा


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