दिल्ली के नंदनगरी में पकड़े गए नशीले पदार्थों के सौदागर.
खास बातें
घर के दरवाजे में छोटी सी खिड़की से नशीली चीजों की बिक्री
विंडो से पैसे देने पर मिलता था गांजा, शराब, स्मैक आदि
पुलिस नशीले पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ चला रही मुहिम
नई दिल्ली: दिल्ली के नंदनगरी इलाके में नशे के सौदागरों ने अपने घरों के दरवाजों में छोटी खिड़कियां बना रखी हैं. इन खिड़कियों में हाथ डालकर पैसे दो और नशीले पदार्थ लो, लेकिन पुलिस की मुहिम से अब नशे का यह 'सिंगल विंडो सिस्टम' बंद होने की कगार पर है.
दिल्ली के नंदनगरी इलाके में एसीपी सुबोध कुमार गोस्वामी की टीम एक खास ऑपेरशन के तहत नशे के कारोबारियों पर शिकंजा कस रही है. विंडो सिस्टम का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए मुहिम चल रही है. विंडो सिस्टम समझने के लिए हम पुलिस के साथ नंदनगरी की गलियों में निकल पड़े. हम पहुंचे एक घर में जहां हाल ही विंडो के जरिए 30 से ज्यादा लोग पकड़े गए. इस घर के दरवाजे में छोटी सी खिड़की लगी है. कुछ दिन पहले तक लोग पैसे के साथ इसी खिड़की में हाथ डालते और उन्हें अंदर से आसानी से गांजा मिल जाता था. लेकिन एक दिन पुलिसकर्मी यहां खरीदकर बनकर पहुंच गए. पुलिस ने गांजा खरीदने के बहाने बेचने वाले को पकड़ा और फिर गांजा खरीदने के लिए विंडो में हाथ डालने वाले भी पकड़े गए.
नंदनगरी के एक घर से एक घंटे में 30 से ज्यादा लोग पकड़े गए. केवल यही घर नहीं नंदनगरी के कई घरों से ऐसे ही सिंगल विंडो सिस्टम से बड़े पैमाने पर गांजा,अवैध शराब और स्मैक बेची जा रही थी. पुलिस की लगातार कार्रवाई से अब ज्यादातर विंडो बंद हैं. यहां तक कि दरवाजों में ऐसी खिड़कियों पर लोगों ने वेल्डिंग करवा ली है. हमने ऐसे कई घर देखे जहां इस तरह की छोटी खिड़कियां पुलिस के खौफ से बंद मिलीं.
हाल ही में इसी इलाके में विंडो सिस्टम से बेची जा रही अवैध शराब के एक बड़े अड्डे का भी भंडाफोड़ हुआ था. उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अजीत कुमार सिंगला ने कहा कि ''देखिए कई लोगों ने दरवाजों में इस तरह की खिड़कियां बनवा रखी हैं, जो नशा बेचते हैं. उन्हें पकड़ने के लिए कई बार हम सीधे जाते हैं तो कई बार हमें छत के रास्ते भी घुसना पड़ता है. लेकिन हम कार्रवाई कर रहे हैं.''
VIDEO : दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक नंदनगरी में एक खास जाति के लोग हैं जो यह कारोबार बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. 2017 से अब तक नशीले पदार्थ और अवैध शराब का कारोबार करने वाले 140 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि 120 केस दर्ज चुके हैं.