उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में सपा और बीएसपी के गठजोड़ को सांप-छुछुंदर की दोस्ती बताया है. गोरखपुर में एक जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज फिर दोनों (बसपा और सपा) के गठबंधन की बातें सुनने में आ रही हैं. ऐसा लगता है जैसे कोई तूफान आता है तो सांप और छुछुंदर एक साथ मिलकर खड़े हो जाते हैं. इनकी ये स्थिति आ चुकी है.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं है और भाजपा विकास सुनिश्चित कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुशासन सुनिश्चित कर रही है और भ्रष्टाचार के अवसर नहीं हैं जबकि पूर्व की सपा-बसपा सरकारों के समय अगर कोई निवेशक राज्य में निवेश करना चाहता था तो उसे रिश्वत देनी पड़ती थी लेकिन अब हालात बदल गये हैं. जैतपुर की जनसभा में योगी ने सपा-बसपा के चुनावी तालमेल की आलोचना करते हुए इसे सांप-छुछुंदर का गठजोड़ बताया. उन्होंने स्मरण कराया कि जब सपा की सरकार थी तो उसने कहा था कि वह बसपा द्वारा बनवायी गयी इमारतों और मूर्तियों को ध्वस्त कर देगी. ठीक उसी तरह बसपा ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वह सैफई को ध्वस्त कर देगी लेकिन अब दोनों एक साथ हो गये हैं.
परिवार, वंश, जाति एवं क्षेत्र की राजनीति पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बिना किसी भेदभाव नौकरियां मुहैया करायेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में केवल एक ही परिवार संपन्नता की राह पर चला लेकिन भाजपा सबके लिए विकास लेकर आयी और परिवार आधारित युग को समाप्त कर विकास आधारित राजनीति शुरू की क्योंकि विकास का कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा के तालमेल से चुनावी नतीजों पर असर नहीं होगा. अगर भाजपा जीती तो यह विकास की विजय होगी. अगर भाजपा विजयी हुई तो जनता सुरक्षित रहेगी... भाजपा की विजय गांव, गरीब और किसान की विजय होगी.
दूसरी ओर यूपी की राजनीति में बड़ा सवाल ये है कि क्या मयावती-अखिलेश 2019 में बीजेपी के खिलाफ साथ आएंगे? गोरखपुर के उपचुनाव में दिखी साझेदारी ने ये कयास मजबूत कर दिये हैं. समाजवादी पार्टी के प्रभावी नेता राम गोपाल यादव ने संसद परिसर में कहा कि वो मायावती का सपा उम्मीदवार का समर्थन करने के फैसले के लिए धन्यवाद करते हैं लेकिन भविष्य में गठबंधन की संभावनाओं पर चुप रहे और पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से बचते रहे. बहरहाल इस पर वार अभी से शुरू हो गया है.
VIDEO: उपचुनाव में सपा का साथ देगी बसपा
कांग्रेस के दलित नेता और लोकसभा सांसद पी एल पुनिया ने कहा कि जब से मायावती ने सपा उम्मीदवार का समर्थन किया है उनके पास दलित समुदाय के महत्वपूर्ण लोगों के फोन कॉल्स आ रहे हैं जो सवाल पूछ रहे हैं कि मायावति ने सपा का समर्थन करने का फैसला क्यों किया. पुनिया ने कहा कि सपा ने अपने मैनिफेस्टो में कहा था कि अगर वो सत्ता में आई तो प्रमोशन में आरक्षण की सुविधा को खत्म कर देगी और ऐसी दलित-विरोधी पार्टी को मायावती के समर्थन से दलित समुदाय के महत्वपूर्ण लोग नाराज़ हैं. हालांकि लेफ्ट पार्टियों ने मायावती के फैसले का स्वागत किया है. सीपीआई के वरिष्ठ नेता और सांसद डी राजा ने एनडीटीवी से कहा, "ये एक अच्छा फैसला है. यूपी में बीजेपी से लड़ने के लिए सेक्यूलर पार्टियों का साथ आना बेहद ज़रूरी है. देखते हैं कि भविष्य में ये गठजोड़ आगे कैसे बढ़ता है." साफ है, इन उपचुनावों के नतीजों पर ये काफी हद तक निर्भर कर सकता है कि 25 साल बाद सपा और बसपा के साथ आने के फैसले का भविष्य क्या होगा.