नई दिल्ली: शनिवार को केपटाउन में तीसरे और आखिरी टी-20 के साथ ही टीम इंडिया का दक्षिण अफ्रीका दौरा खत्म हो गया. और वास्तव में भारतीय टीम के इस दौरे को 'विराट टूर' करार दिया जाए, तो एक बार को गलत नहीं ही होगा. पूरी सीरीज में भारत की तरफ से विराट कोहली और उनके बाद शिखर धवन का ही बल्ला बोला. और अगर एक बार को यह कहा जाए कि इस खत्म हुए दौरे में विराट कोहली और उनके बचपन के दोस्त शिखर धवन एक तरफ रहे और बाकी के बल्लेबाज एक तरफ, तो गलत नहीं ही होगा. आप थोड़ा इस बात से चौंक रहे होंगे. लेकिन हम आपको बताते और समझाते हैं कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं.
आपको बता दें कि विराट कोहली ने इस दौरे में खेले 3 टेस्ट मैचों में 47.66 के औसत से 286, तो 6 वनडे में 186. के औसत से 558 और 2 टी-20 मैचों में 2 मैचों में 13.50 के औसत से 27 रन बनाए. वहीं, धवन ने 1 टेस्ट में 16.00 के औसत से 32, 6 वनडे में 64.60 के औसत से 323 और 3 टी-20 में 47.66 के औसत से 143 रन बनाए.
दिल्ली के ये दोनों दिलेरों के आगे बाकी बल्लेबाज पूरी तरह छिप से गए. जहां विराट कोहली ने इस दौरे में 871 रन बनाए, तो इन दोनों का संयुक्त योगदान 1369 रनों का रहा. बता दें कि विराट कोहली ने दौरे में सभी बल्लेबाजो के बनाए कुल रन में 28.38 प्रतिशत योगदान दिया. लेकिन अगर हम यह कह रहे हैं कि ये दोनों एक तरफ और बाकी एक तरफ, तो उसके पीछे इससे भी बड़ी वजह है.
VIDEO: सेंचुरियन में टेस्ट में विराट कोहली ने यादगार शतक बनाया. बता दें कि टीम इंडिया द्वारा दक्षिण अफ्रीका में बनाए गए रनों में विराट कोहली और शिखर धवन का योगदान 44.61 प्रतिशत रहा. बस छह फीसदी से ही यह 50 फीसदी से चूक गए. अब आप ही बताइए कि इस प्रदर्शन पर अगर विराट और धवन एक तरफ और बाकी एक तरफ न कहा जाए, तो क्या कहा जाए.