त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में रविवार को 89.8 फीसदी मतदान हुआ जो पिछले चुनाव की तुलना में महज 2.02 फीसदी कम है। 2013 के विधानसभा चुनाव में 91.82 फीसदी मतदान हुआ था। त्रिपुरा में 59 सीटों के लिए वोटिंग हुई। कुल 292 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। 3 मार्च को नतीजे घोषित होंगे। राज्य में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं। सीपीएम उम्मीदवार रामेन्द्रनारायण देब बर्मा के निधन के चलते चारिलाम सीट पर मतदान नहीं हुआ। यहां 12 मार्च को वोटिंग होगी।
त्रिपुरा में अब तक कुल 9 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। 1967 और 1972 के चुनाव में भी 80 फीसद से कम मतदान हुआ है। त्रिपुरा में पहली बार विधानसभा चुनाव 1967 में हुए थे। तब विधानसभा की कुल 30 सीटें थी। उस वक्त 74.32 फीसदी मतदान हुआ था। इसके बाद अगले विधानसभा चुनाव 1972 में हुए। उस दौरान 60 सीटों के लिए मतदान हुआ था। कुल वोट पड़े थे 67.36 फीसदी।
अगले विधानसभा चुनाव 1977 में हुए। उस वक्त कुल 79.51 फीसदी वोटिंग हुई थी।1983 के विधानसभा चुनाव में 83.03, 1988 में 85.75, 1993 में 81.18,1998 में 80.84, 2003 में 78.71 और 2008 में 91.22 फीसदी मतदान हुआ था। अगर वोटिंग ट्रेंड को देखें तो त्रिपुरा में 1972 में कम मतदान हुआ लेकिन इसके बाद 1988 तक लगातार मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होती हुई। 1993 से 2003 तक मतदान में गिरावट आई लेकिन 2008 में मतदान प्रतिशत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस की पहली सरकार 1967 में बनी।
अगले विधानसभा चुनाव जो 1972 में हुए तब कांग्रेस की फिर से सत्ता में वापसी हुई। इसके बाद से लगातार कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 49,सीपीआई को 1 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई को1, सीपीएम को 46, कांग्रेस को 10, आईएनपीटी को 1, आरएसपी को 2 सीटें मिली थी। 2003 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 38,कांग्रेस को 13, सीपीआई को 1, आईएनपीटी को 6, आरएसपी को 2 सीटें मिली थी। 1998 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 38, कांग्रेस 13, सीपीआई को 1,आरएसपी को 2,टीयूजेएस को 4 सीटें मिली थी।
1993 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 44, कांग्रेस को 10, जेडी(बी) को 1, एफबीएल को 1, आरएसपी को 2, टीजेएस को 1 सीट मिली थी। 1988 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 26, कांग्रेस को 25, आरएसपी को 2, टीयूएस को 7 सीटें मिली थी। 1983 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 37,कांग्रेस को 12, आरएसपी को 2, टीयूएस को 6 सीटें मिली थी। 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। 1977 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 51, एफबीएल को 1, आरएसपी को 2, टीयूएस को 4 और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। 1972 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई को 1, सीपीएम को 16, कांग्रेस को 41, दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। 1967 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई को 1, सीपीएम को 2 और कांग्रेस को 27 सीटें मिली थी।