नई दिल्ली।
देश के सभी नागरिकों के पास शौचालय की सुविधा, दुपहिया या कार, एसी और डिजिटल कनेक्टिविटी हो, कुछ ऐसा ही सपना सरकारी शोध संस्थान ने अपने 15 साल के विजन में बना है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढयि़ा ने रविवार को संचालन परिषद की बैठक में 2031-32 के लिए विजन रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे। भारत 2030-31 (दृष्टिकोण, रणनीति और कार्ययोजना अजेंडा) में एक ऐसे भारत का सपना देखा गया है जिसमें पूरी तरह शिक्षित समाज हो और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सबकी पहुंच उपलब्ध हो। इसके साथ ही इस विजन यानी दृष्टिपत्र में सड़कों, हवाई अड्डों और जलमार्गों के बड़े और आधुनिक नेटवर्क की बात की गई है।
इसमें ऐसे स्वच्छ भारत की कल्पना है जिसमें हर नागरिक को अच्छी हवा और स्वच्छ पानी सुनिश्चित हो। इसका मानना है कि प्रति व्यक्ति आय 2031-32 में बढ़कर तीन गुना यानी 3.14 लाख रुपये हो जाएगी जो कि 2015-16 में 1.06 लाख रुपये थी। इसमें कहा गया है कि देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) यानी अर्थव्यवस्था 469 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगी। वर्ष 2015-16 में यह 137 लाख करोड़ रुपये रही।
विजन के मुताबिक केंद्र और राज्य का कुल खर्च 2031-32 तक 92 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 130 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा जो कि 2015-16 में 38 लाख करोड़ रुपये था। पंद्रह वर्षीय विजन और सात वर्षीय कार्य योजना दस्तावेज को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी तरह रविवार को परिषद के सदस्यों को तीन वर्षीय एक्शन अजेंडा भी बांटा गया। इसे भी जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। विजन प्रेजेंटेशन के मुताबिक 2031-32 तक प्रधानमंत्री के वाइब्रैंट इंडिया के विजन को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। प्रेजेंटेशन में कहा गया, हमें भारत को एक समृद्ध, स्वस्थ, सुरक्षित, भ्रष्टाचार-मुक्त, ईंधन की प्रचूरता वाले, पर्यावरण के लिहाज से स्वच्छ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली देश में बदलना चाहिए।