नई दिल्ली।
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने देश भर के युवाओं से पूर्वोत्तर में कारोबार शुरु करने के अवसरों का लाभ उठाने को कहा है। डॉ. सिंह ने कौशल भारत प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों के अवलोकन के बाद कहा कि देश के अन्य भागों एवं राज्यों में आजीविका के अवसर तथा नए उद्यम धीरे धीरे क्षीण पड़ते जा रहे हैं जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में अभी भी दोहन करने की बेशुमार संभावना मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में किसी भी युवा को उद्यम निधि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। पूर्वोत्तर के राज्यों में स्टार्टअप शुरू करने के लिए सरकार विभिन्न सुविधाएं दे रही है। इसमें कर छूट के अलावा सस्ती पूंजी और आधुनिक प्रौद्योगिकी भी उपलब्ध कराई गयी है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा था कि सरकार ने इस क्षेत्र में बुनियादी ढ़ांचे के विकास के लिए नीति आयोग में एक विशेष समूह का गठन किया है। डॉ सिंह ने बताया था कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास सचिव की सह अध्यक्षता में गठित किया गया समूह क्षेत्र में विकास की योजनाएं तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि यह समूह केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न प्रस्तावों पर विचार करेगा और उनके अनुरुप योजनाएं तैयार करेगा।
उन्होंने कहा था कि इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की बुनियादी ढांचा क्षेत्र में शत प्रतिशत अनुदान देने का फैसला किया है। सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में न केवल भौगोलिक रुप से बल्कि लोगों के दिलों दिमाग तक पहुंच बनाई है। भारतमाला परियोजना के तहत पूर्वोत्तर में 5301 किलोमीटर सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिस्तरीय राजमार्ग के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।