अगरतला।
त्रिपुरा विधानसभा चुनावों को लेकर आज हम बागमा सीट की बात करेंगे। यहां पिछले तीन विधानसभा चुनावों से लेफ्ट का ही कब्जा जमा है। सीपीएम के उम्मीदवार नरेश चंद्र जमातिया यहां से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार उनको टक्टर देने के लिए मैदान में आईएनपीटी ने ज्योतिष जमातिया को फिर से मैदान में उतारा है। बता दें कि इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस कभी भी अपना खाता नहीं खोल पाई है। भाजपा ने इस सीट के लिए रामपादा जमातिया, तो कांग्रेस ने अनंतालाल जमातिया को टिकट दिया है।
प्रबल दावेदार हैं सीपीएम के नरेशचंद्र
इस सीट पर सीपीएम के नरेशचंद्र जमातिया प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने आईएनपीटी के उम्मीदवार ज्योतिष जमातिया को 4075 वोटों से हराया। नरेशचंद्र को 23600 तो ज्योतिष जमातिया को 19525 वोट मिले थे। हालांकि 2008 के चुनाव में नरेंद्र चंद्र को कांग्रेस के उम्मीदवार रातीमोहन जमातिया से कड़ी टक्कर मिली थी। उन्होंने ये चुनाव महज 1915 वोटों से जीता था। नरेशचंद्र को 14797 तो वहीं रातीमोहन को 13064 वोट मिले थे।
पांच विधानसभा चुनावों में रहा क्षेत्रीय दलों का दबदबा
हालांकि शुरुआत के पांच विधानसभा चुनावों में इस सीट पर क्षेत्रिय दलों का कब्जा था। 1977 से 1998 के चुनावों की बात की जाए तो यहां से रतिमोहन जमातिया लगातार पांच बार चुनाव जीतते आए थे। हालांकि इस दौरान उन्होंने तीन पार्टियों के टिकट पर ये चुनाव लड़े थे। 1977 में टीयूएस के टिकट पर जमातिया ने यहां पहला विधानसभा चुनाव जीता। उन्होंने सीपीएम के उम्मीदवार गानापादा जमातिया को 458 वोट से हराया था। रतिमोहन को 5652 वोट मिले तो वहीं गानापादा के खाते में 5194 वोट आए थे। 1983 के चुनाव में सीपीएम ने गानापादा पर फिर से विश्वास जताते हुए उन्हें टिकट दिया, लेकिन वे रतिमोहन से ये सीट नहीं छीन पाए। रतिमोहन ने ये चुनाव भी 4651 वोटों से जीत लिया। रतिमोहन को 10157 तो गानापादा को 5506 वोट मिले थे।
टीयूएस के रतिमोहन ने लगाई जीत की हैट्रिक
1988 के चुनाव में टीयूएस के टिकट पर रतिमोहन ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई। इस बार भी उनके सामने सीपीएम के उम्मीदवार गानापादा ही थे, लेकिन गानापादा को लगातार तीसरी हार झेलनी पड़ी। रतिमोहन को इस चुनाव में 10309 वोट मिले, वहीं गानापादा के खाते में 8046 वोट ही आए। इस तरह से उन्होंने तीसरी बाद ये चुनाव 2263 वोटों से जीत लिया। हालांकि 1993 के चुनाव में रतिमोहन ने पार्टी बदलकर टीजेएस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन जनता के प्रति उनका विश्वास कम नहीं हुआ। इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार उन्हें टक्कर देते हुए दिखे, लेकिन रतिमोहन के चुनाव परिणामों में कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने इस चुनाव को 843 वोट से जीत लिया। रतिमोहन को 9899 तो वहीं सरलपादा को 9056 वोट मिले।
महज 75 वोटों से जीते थे सीपीएम के उम्मीदवार
1998 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो लगातार चार बार से जीतते आ रहे रतिमोहन ने एक बार फिर पार्टी बदलकर टीयूजेएस के टिकट पर चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड पांचवीं बार इस सीट को अपने नाम कर लिया। इस बार रतिमोहन के सामने एक बार फिर सीपीएम के हारे हुए उम्मीदवार गानापादा ही रहे, लेकिन रतिमोहन ने ये चुनाव 607 वोटों से जीत लिया। उन्हें 10940 तो वहीं गानापादा को 10333 वोट मिले। हालांकि 2003 का चुनाव गानापादा और सीपीएम दोनों के लिए खुशखबरी लेकर आया। इस सीट से लगातार हार झेल रहे गानापादा ने महज 75 वोटों से इस चुनाव को जीत लिया। उन्हें 12588 वोट मिले। वहीं लगातार पांच बार से जीतते आ रहे रतिमोहन को 12513 वोट से ही संतोष करना पड़ा। बता दें कि त्रिपुरा की 59 विधानसभा सीट के लिए 18 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। वहीं तीन मार्च को परिणाम सामने आएंगे।