त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया,ये रहा सबूत

- त्रिपुरा की 59 विधानसभा सीटों के लिए 18 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 1 सीट के लिए 12 मार्च को मतदान होगा। चारीलाम सीट से सीपीएम के उ मीदवार रामेन्द्र नारायण देबबर्मा के निधन के कारण यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया।
अगरतला
त्रिपुरा की 59 विधानसभा सीटों के लिए 18 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 1 सीट के लिए 12 मार्च को मतदान होगा। चारीलाम सीट से सीपीएम के उ मीदवार रामेन्द्र नारायण देबबर्मा के निधन के कारण यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया। देबबर्मा का दिल का दौरा पडऩे से निधन हुआ था। भाजपा ने इस सीट से सबसे पैसे वाले उ मीदवार को खड़ा किया है, जिनका नाम है जिष्णु देबबर्मा।
इस बार के विधानसभा चुनाव में कुल 297 उ मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें 23 महिलाएं भी शामिल है। दो महिलाएं तो मु यमंत्री माणिक सरकार के खिलाफ चुनाव चुनाव लड़ रही है। ये हैं भाजपा की प्रतिमा भौमिक और कांग्रेस की लक्ष्मी नाग(बर्मन)। लक्ष्मी नाग पूर्ववर्ती (1992-77)सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। प्रतिमा भौमिक पहले भी धानपुर सीट से दो बार चुनाव लड़ चुकी है लेकिन दोनों बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। प्रतिमा भौमिक 1998 और 2003 के विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी। माणिक सरकार 1998 से लगातार इस सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं। त्रिपुरा में महिला मतदाताओं के पर्सेन्टिज में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
सत्तारुढ़ सीपीएम ने इस बार सात महिला उ मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने 5, भाजपा ने 4 और तृणमूल कांग्रेस ने 2 महिलाओं को टिकट दिया है। 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 15 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। इनमें से 5 ने जीत दर्ज की थी जबकि 7 की जमानत जब्त हो गई थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में 31 महिलाओं ने चुनाव लड़ा। इनमें से 3 जीती और 22 की जमानत जब्त हो गई।
माणिक सरकार की अगुवाई वाली ले ट फ्रंट सरकार में 12 मंत्री थे, इनमें सिर्फ एक महिला थी। 2013 और 2008 के विधानसभा चुनावों में त्रिपुरा की महिलाओं ने भारत के चुनावी इतिहास में रिकॉर्ड बनाया था। 2013 में कुल 92.94 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया जबकि 2008 में 91.72 फीसदी महिलाओं ने वोट डाले। 2013 में 90.73 फीसदी पुरुषों ने वोट दिया था जबकि 2008 में 90.74 फीसदी पुरुषों ने मतदान में हिस्सा लिया था।
त्रिपुरा इलेक्शन डिपार्टमेंट की ब्रांड एंबेसडर और मशहूर जि नास्ट दीपा कर्माकर जो 2016 में ब्राजील में हुए रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने से चूक गई थी ने कहा, त्रिपुरा की महिलाएं न केवल राजनीति और अराजनीतिक मसलों को लेकर जागरुक है बल्कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक मामलों को लेकर भी जागरुक है। 25 साल की कर्माकर ने महिलाओं से बड़ी सं या में राजनीति में भाग लेने का
अनुरोध किया है। साथ ही अन्य महिलाओं को सशक्त करने के लिए महत्वपूर्ण सरकारी बॉडीज में भाग लेने की अपील की है। मशहूर सोशल एक्टिविस्ट और त्रिपुरा के मु यमंत्री माणिक सरकार की पत्नी पांचाली भट्टाचार्य ने कहा है कि त्रिपुरा की महिलाएं जिनमें आदिवासी और अनुसूचित जाति से संबंधित महिलाएं भी शामिल है, देश के अन्य हिस्सों से ज्यादा राजनीतिक रूप से जागरुक है।
त्रिपुरा में पिछले की मतदाता सूचियों में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 965 महिलाएं हैं। त्रिपुरा की मतदाता सूचियों के मुताबिक राज्य में कुल 25,79, 060 मतदाता हैं। इनमें से 12, 67,785 महिलाएं हैं। पिछले साल से इनमें 2.52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। त्रिपुरा की जिन सीटों पर महिला मतदाताओं की सं या पुरुषों से ज्यादा है वे हैं, अगरतला, रामनगर, टाउन बारदोवली, बनामालिपुर,तेलियामुरा, अ पीनगर, पबियाचारा,धर्मानगर। त्रिपुरा सरकार ने सालों पहले स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें और पद आरक्षित किए थे। कई ग्राम पंचायतों, पंचायतों, समितियों, जिला परिषदों, नगर परिषदों और अगरतला नगर निगम में महिलाओं का पर्सेंन्टिज पुरुषों से ज्यादा है।