मिलिए असम की लेडी सिंघम से, हाथों में लेकर चलती हैं AK-47

Daily news network Posted: 2018-02-16 14:57:52 IST Updated: 2018-02-16 14:57:52 IST
मिलिए असम की लेडी सिंघम से, हाथों में लेकर चलती हैं AK-47
  • भारत को भले ही लोग पुरूष प्रधान देश के रूप में जानते हों लेकिन आज समय बदल रहा है आज कि बेटियां भी बेटों से किसी भी मामले में कम नही हैं।

गुवाहाटी

भारत को भले ही लोग पुरूष प्रधान देश के रूप में जानते हों लेकिन आज समय बदल रहा है आज कि बेटियां भी बेटों से किसी भी मामले में कम नही हैं। वो हर मुकाम पर लड़कों को कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं, फिर चाहे बात घर संभालने कि हो या देश कि रक्षा के लिए सरहद पर लडऩे की, आज की नारी हर बात में आगे हैं।


असम की दंबग महिला आईपीएस ऑफिस संजुक्‍ता पराशर की बहादुरी के चर्चे हर जगह है। आयरन लेडी के नाम से मशहूर संजुक्ता के नाम से आंतकी तक थर्राते हैं। असम की आईपीएस ऑफिसर संजुक्ता ने 15 महीने में 64 आतंकवादियों को पकड़ा और अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण पेश किया।


आईपीएस अफसर संजुक्ता पराशर की, ये बहादुरी का दूसरा नाम हैं इन्हे लेडी सिंघम के नाम से भी जाना जाता है। असम में शुरुआती शिक्षा लेने के बाद संजुक्ता ने दिल्‍ली के इंद्रप्रस्‍थ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। साल 2006 में यूपीएसी की परीक्षा में इन्होंने 85 वीं रैंक हासिल की थी और आईपीएस बनकर आज देश की सेवा कर रही हैं। ये असम के सोनितपुर जिले में बतौर एसपी तैनात हैं।


संजुक्ता पराशर बोडो उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभा रही हैं और असम से उग्रवादियों का सफाया कर रही हैं। इस ऑपरेशन के तहत उन्होंने 2015 में 16 आतंकियों को मार गिराया और 64 को गिरफ्तार कर जेल पहुंचाया। यही नहीं 2014 में 175 और 2013 में 172 आतंकियों को जेल पहुंचा दिया। संजुक्ता ने राजनीति विज्ञान से दिल्ली के इंद्र प्रस्थ कॉलेज से ग्रेजुएट किया है। इसके बाद जेएनयु से इंटरनेशनल रिलेशन में पीजी और यूएस फॉरेन पॉलिसी में एमफिल और पीएचडी किया हैं।


साल 2008 में असम के माकुम में असिस्टेंट कमाडेंट के तौर पर उनकी पहली फील्ड पोस्टिंग हुई। कुछ समय बाद उन्हें उदालगिरी में हुई बोडो और बांग्लादेशियों के बीच की जातीय हिंसा को काबू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने असम के सोनितपुर जिले में एसपी रहते हुए खुद AK-47 से CRPF जवानों की टीम के साथ वोडो उग्रवादियों से लोहा लिया।


उग्रवादी ऑर्गनाइजेशन की तरफ से जान से मारने की धमकियों की उन्होंने कभी परवाह नहीं की। आतंकियों के लिए वे बुरे सपने की तरह हैं। इसके साथ ही संजुक्ता ने आईएस अफसर पुरू गुप्ता से शादी की है और उनका एक छोटा सा बेटा भी हैं। असम की बेटी संजुक्ता आज सबके लिए मिसाल बन चुकी हैं और पूरे देश में असम का मान बढ़ा रही हैं।