अगरतला
त्रिपुरा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस और त्रिपुरा की मानिक सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने मानिक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'तुम्हारा खेल अब तक चल रहा था क्यूंकि तुम पर दिल्ली में बैठी कांग्रेस सरकार की कृपा रहती थी, और यहां कांग्रेस चुनाव लड़ने का नाटक कर रही है। दिल्ली में दोस्ती और त्रिपुरा में कुश्ती?'
वामपंथी सरकार का हिंसा का खेल इसलिए चल रहा था क्योंकि दिल्ली में काँग्रेस सरकार बैठी थी | अब दिल्ली में मोदी बैठा है, अब इनका खेल और नहीं चलने वाला : Sh.@narendramodi Ji#TripuraTrustsModi pic.twitter.com/9EMWU645mw
— BJP Tripura (@BJP4Tripura) February 15, 2018
मोदी ने माणिक सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार ने त्रिपुरा के विकास कार्यों के लिए धन आवंटित किया लेकिन यहां की वामपंथी सरकार ने इसका इस्तेमाल भी नहीं किया। वे केवल 'गुलाब घाटी' जैसे घोटाले में दिलचस्पी रखते थे।
उन्होंने कहा कि, दिल्ली में कम्युनिस्ट रोजगार के लिए रैलियां करते हैं और वेतन के लिए नारे देते हैं और यहां 20 साल त्रिपुरा की सरकार है। त्रिपुरा के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती? कम्युनिस्टों को गरीब और मजदूरों के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। यह उनका दोहरा मानदंड है।
3 मार्च को परिणाम आएंगे | 3 मार्च को त्रिपुरा की धरती पर से वामपंथीयो का नामोनिशान मिट जाएगा : Sh.@narendramodi Ji#TripuraTrustsModi pic.twitter.com/wEGdsOIFaQ
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इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा के मतदाताओं से माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बेदखल करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि यही कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं के हमले में मारे गये युवाओं को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वामपंथियों से संघर्ष करते हुए मारे गये युवाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन 18 फरवरी है।
बता दें कि, 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के लिए मतदान 18 फरवरी को होगा और वोटों की गिनती तीन मार्च को मेघालय और नगालैंड के साथ ही होगी। इससे पहेल 8 फरवरी को त्रिपुरा के सोनामुरा में पीएम चुनावी रैली का आगाज कर चुके हैं। इस रैली में उन्होंने माणिक सरकार पर जमकर जुबानी हमला भी किया था। ऐसे में आज एक बार फिर से सभी की निगाहें की पीएम के संबोधन पर होंगी कि इस बार वह जनता को रैली में किस तरह से संबोधित करेंगे।