AMN /नई दिल्ली
पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी में 11000 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आरोप है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से बैंकों को करोड़ों रुपए की चपत लगाई। कारोबारी फिलहाल फरार है और ईडी उसके ठिकानों पर छापा मार रही है। इस मामले ने देश को एक बार फिर माल्या एपिसोड की याद दिला दी है। अब इस मसले को लेकर सियासी घमासान शुरु हो गया है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आई और आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने केन्द्र सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।
फौरी तौर पर पीएनबी ने अपने 10 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यह एक अकेला मामला है और इससे अन्य बैंकों पर असर नहीं होगा। पीएनबी के मुताबिक चुनिंदा खाताधारकों के साथ कुछ बैंक अधिकारियों ने अनाधिकृत लेनदेन किया था। बैंक के मुताबिक ये लेनदेन कुछ चुनिंदा खाताधारकों को लाभ पहुंचाने वाले हैं और इसमें निलंबित अधिकारियों की भी सांठगाठ पता चली है। बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के आधार पर अन्य बैंकों ने संभवत: कुछ ग्राहकों को विदेशों में ऋण दिया है। हालांकि, पीएनबी ने इन बैंकों का नाम नहीं लिया। लेकिन बताया जा रहा है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने पीएनबी के गारंटी पत्रों के आधार पर कर्ज दिया है।
विपक्ष के तीखे सवाल
इस मामले को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। कांग्रेस ने इसी मोदी स्कैम तो आप ने इसे मिलीभगत का नाम दिया है। अरविंद केजरीवाल ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा है- “क्या ये संभव है कि विजय माल्या या नीरव मोदी बीजेपी सरकार की मिलीभगत के बगैर देश से बाहर चले जाएं।” वहीं प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाले ने ट्विट के जरिए 4 सवाल पूछे हैं।
कांग्रेस के सवाल-
1. “नीरव मोदी कौन हैं? ये नया #मोदीस्कैम है?”
2. “क्या नीरव मोदी को ललित मोदी और विजय माल्या जैसे देश से बाहर जाने के लिए सरकार के अंदर से मदद मिली?”
3. “क्या ये नियम बन गया है कि जनता का पैसा लेकर भाग जाएं?”
4. “आखिर इन घोटालों के लिए कौन जिम्मेदार है?”
Who is Nirav Modi? The new #ModiScam?
Was he tipped off like Lalit Modi & Vijay Mallya to escape by someone within the Govt?
Has it become the norm for letting people run away with public money?
Who is responsible?
Pl wait for AICC PC at 2 PM today.
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) February 15, 2018
जालसाजी का मकड़जाल
इसे बैंकिंग सैक्टर का महाघोटाला कहा जा रहा है। खबरों के मुताबिक इस फ्रॉड में बैंकों के बड़े अधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पीएनबी के कुछ अफसरों ने नीरव मोदी को गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) दी। इसी एलओयू के आधार पर मोदी और उनके सहयोगियों ने दूसरे बैंकों से विदेश में कर्ज ले लिया। दरअसल, एलओयू एक तरह की बैंक गारंटी होती है। इसके आधार पर विदेशी बैंक या भारतीय बैंक की विदेशी ब्रांच कर्ज देती हैं। बैंकिंग एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसे मामलों में अंतिम देनदारी एलओयू जारी करने वाले बैंक पर बनती है।
इस फर्जीवाड़े में दो बड़े नाम सामने आ रहें हैं। एक है PNB के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी और दूसरे हैं मनोज खरात नाम के एक अन्य बैंक अधिकारी। दोनों ने साथ मिलकर इन कंपनियों को फर्जी तरीके से एलओयू दे दिया। पकड़ में आने से बचने के लिए उन्होंने इसकी एंट्री भी नहीं की थी। आंतरिक जांच में पता चला का दोनों अधिकारियों ने पहले भी गलत तरीके से एलओयू दिया था।
बैंक अधिकारियों के संपर्क में मोदी!
सूत्रों की माने तो नीरव बैंक के 5 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम लौटाने के लिए तैयार हैं। खबरों के मुताबिक उन्होंने PNB को चिट्ठी लिख 6 महीने में सारे बकाए के भुगतान की बात कही है। 11,300 करोड़ के इस घोटाले में वह मुख्य आरोपी हैं। नीरव रकम अदा करने के लिए कुछ महीने की मोहलत के लिए सौदेबाजी में लगे हुए हैं। गौरतलब है कि बुधवार को पीएनबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इस घोटाले के बारे में जानकारी दी थी। इस घोटाले के सामने आने के बाद PNB के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
वित्त मंत्रालय ने तलब की रिपोर्ट
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने PNB घोटाले पर बैंक से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है। एक हफ्ते में सारे संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट तलब की गई है। इस घोटाले में कई बड़े बैंक अधिकारियों की मिलीभगत का शक जाहिर किया जा रहा है।
ग्लैमर की दुनिया का अहम ब्रांड है नीरव मोदी
साल 2010 में खुदरा व्यवसाय की देर से की गई शुरुआत के बावजूद नीरव मोदी ने बड़ी तेजी से हॉलीवुड स्टार्स के इंडियन जूलर के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित कर ली। कैट विंस्लट तथा डकोरा जॉन्सन से लेकर टराजी पी हेन्सन तक, हॉलिवुड की टॉप स्टार्स नीरव के ब्रैंड के हीरे पहनकर रेड कारपेट पर वॉक कर चुकी हैं। पिछले साल प्रियंका चोपड़ा ब्रैंड ऐंबैसडर बनीं। इन सबके बीच 2013 तक नीरव अरबपतियों की फोर्ब्स लिस्ट में जगह बना चुके थे। लेकिन, उनके खिलाफ बैंक फर्जीवाड़े से उनके ब्रैंड की चमक धूमिल हो गई है।
नीरव का इतिहास
48 वर्षीय नीरव मोदी बेल्जियम के शहर ऐंटवर्प में हीरे का ही कारोबार करनेवाले परिवार से आते हैं। वह कारोबारी माहौल में ही पले-बढ़े। वह पत्रकारों से अक्सर कहा करते थे कि वह इस व्यवसाय से जुड़ना नहीं चाहते हैं। वह वॉर्टन गए, एक साल फाइनैंस की पढ़ाई की और फेल हो गए और आखिरकार वह हीरे के व्यापार में उतर पड़े।
इससे पहले 19 वर्ष की उम्र में उन्हें अपने मामा और गीतांजली जेम्स के चेयरमैन मेहुल चौकसी के पास मुंबई भेजा गया था ताकि वह हीरा कारोबार की कुछ जानकारी ले सकें। साल 1999 में उन्होंने दुर्लभ हीरों के व्यापार के लिए फायरस्टार डायमंड नाम की कंपनी स्थापित की और कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया जिससे उनका नेटवर्क काफी तगड़ा हो गया। इसी मजबूत नेटवर्क की वजह से उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में कदम रख दिया।
भारत के अलावा उनकी रूस, अर्मेनिया और दक्षिण अफ्रीका में मैुन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। वह 2008 का साल था जब उनके मित्र ने उनसे एक दुर्लभ आभूषण देने का आग्रह किया। तभी नीरव में खुदरा व्यापार के प्रति दिलचस्पी जगी। उन्होंने 2014 में अपना पहला बड़ा बूटिक दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में और अगले ही साल मुंबई के काला घोड़ा इलाके में एक स्टोर खोल दिया। उसी वर्ष न्यू यॉर्क के मैडिसन अवेन्यू में काफी-धूम धड़ाके के साथ एक स्टोर खुला। तब नाओमी वाट्स, निमरत कौर और लिसा हेडन के साथ-साथ मॉडल कोको रोशा जैसी जानेमाने सितारों ने उद्घाटन समारोह में शिरकत की। अभी लंदन, सिंगापुर, पेइचिंग और माकउ में भी नीरव के बूटिक हैं।