मां की मेहनत से ये चारों बहनें बनी फुटबॉल खिलाड़ी, जानिए इनका नार्थ र्इस्ट कनेक्शन

- ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि चारों बहनें एक साथ एक जैसी सफलता हासिल करें, लेकिन धार जिले की सरदारपुर तहसील की रहने वाली रेखाबाई चौहान की बेटियों ने यह कारनामा कर दिखाया हैं।
इम्फाल।
ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि चारों बहनें एक साथ एक जैसी सफलता हासिल करें, लेकिन धार जिले की सरदारपुर तहसील की रहने वाली रेखाबाई चौहान की बेटियों ने यह कारनामा कर दिखाया हैं। पिता के असामायिक निधन के बाद मां ने मजदूरी करके चार बेटियों को राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना दिया है।
घर के पास ग्राउंड पर लड़कों को फुटबॉल खेलते और कसरत करते हुए देख बहनों में दूसरे नंबर की ज्योति ने 12 वर्ष की उम्र में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। उस सतय वह छठी में पढ़ती थी। ज्योति को खेलता देख बड़ी बहन आरती, दीपिका और पायल भी फुटबॉल खेलने लगीं।
इन सब में सबसे सशक्त दावेदारी ज्योति की है। ज्योति अभी तक 10 नेशनल गेम्स खेल चुकी है।ज्योति ने 2011-12 में इम्फाल (मणिपुर) में, 2012-13 में मुंबई (महाराष्ट्र), 2013-14 में पुणे (महाराष्ट्र), 2014-15 में मणिपुर का राजधानी इम्फाल 2016-17 में मेंढक (तेंलगाना) मप्र की स्कूल शिक्षा टीम का प्रतिनिधित्व किया है। ज्योति ने आॅल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन द्वारा गोआ में आयोजित फुटबॉल ओपन में भागीदारी दर्ज कराई है।
सीएपीएफयू-19 फुटबॉल टेलेंट हंट टूर्नामेंट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स द्वारा वर्ष 2013-14 में रांची में आयोजित 6जी स्वामी विवेकानंद पायका नेशनल लेवल रुरल कॉम्पीटिशन 2013-14 और सुब्रतो कप नेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट में भी भाग ले चुकी हैं।