'त्रिपुरा में लाल का रंग फीका, चमक रहा है भगवा'

- त्रिपुरा में आगामी 18 फरवरी को होने वाला चुनाव महासंग्राम में बदलता दिख रहा है। वामपंथियों के गढ़ में सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी सीधा मुकाबला करने को कमर कस चुकी है।
त्रिपुरा में आगामी 18 फरवरी को होने वाला चुनाव महासंग्राम में बदलता दिख रहा है। वामपंथियों के गढ़ में सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी सीधा मुकाबला करने को कमर कस चुकी है। वामपंथियों के इस गढ़ में सत्ता हासिल करने के लिए पहली बार दक्षिणपंथी बीजेपी सीधे मुकाबले में नजर आ रही है।

सत्ता पर काबिज होने के लिए 'लाल' और 'भगवा' के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। इसी कड़ी में त्रिपुरा के भाजपा प्रभारी सुनील देवधर ने बुधवार को राधाकिशोर के उम्मीदवार प्राणजीत सिंघा जी के समर्थन में आयोजित बाइक रैली में हिस्सा लिया आैर कहा कि यहाँ हर गली, हर कोने से को अपार समर्थन मिल रहा है।

इसके साथ ही सुनील देवधर ने कल (बुधवार) बिशालगढ़ में भी बाइक रैली की आैर वहां पर भी वामपंथियों पर निशाना बनाते हुए कहा कि राज्य में लाल रंग की चमक फीकी पड़ रही है जबकि भगवा रंग चमक रहा है। त्रिपुरा के हजारों लोग हमारा समर्थन कर रहा है।

आपको बता दें कि पिछले 25 वर्षों से सत्ता में बरकरार वाम दल की इस चुनाव में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। त्रिपुरा चुनाव में हार होने पर देश में वामपंथी राजनीति लगभग विलुप्ति की कगार पर पहुंच जाएगी। केरल में वामंपथी दल सत्ता में आते-जाते रहते हैं। पहले हिंदू राजा के शासन वाले इस राज्य में वाम दलों और कांग्रेस की तुलना में अब बीजेपी भी सत्ता के लिए दावेदारी कर रही है।

बीजेपी ने राज्य में कांग्रेस पार्टी को न केवल राजनीतिक गुमनामी के करीब ढकेल दिया है, बल्कि लेफ्ट को टक्कर देने में मुख्य दावेदार बन गई है। इस तथ्य को राज्य के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भी कुछ समय पहले कोलकाता में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था।