कोहिमा।
नागालैंड में 27 फरवरी को चुनाव होने है आैर चुनाव परिणाम की घोषणा 3 मार्च होगी। राज्य में ज्यादातर उम्मीदवार ईसाई धर्म के हैं। भारतीय राजनीति के इतिहास में नागालैंड कई वजहों से चर्चित रहा है। नागालैंड पहले कई तरह की राजनीतिक समस्याओं में उलझा रहा। नागालैंड की बोली भाषा, संस्कृति रहन-सहन और पहनावा अलग हैं। यह राज्य भारत के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है।
नागालैंड बना गणराज्य
नागालैंड 1 दिसंबर 1963 को भारतीय गणराज्य का 16वां राज्य बना। इस राज्य के पूर्व में म्यांमार, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम और दक्षिण में मणिपुर से घिरा हुआ है।इसकी राजधानी कोहिमा। ये इनती खूबसूरत है कि इसे'पूरब का स्विट्जरलैंड' के नाम से भी जाना जाता है। नागालैंड राज्य का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग कि.मी. है। 2001 का जनगणना के अनुसार इस राज्य की आबादी 19,88,636 है , इस राज्य का ज्यादातर क्षेत्र पहाड़ी है।
नागालैंड की सबसे ऊंची पहाड़ी का नाम सरमती है जिसकी ऊंचाई 3,840 मीटर है। यह शृंखला नागालैंड और म्यांमार के बीच एक प्राकृतिक सीमा रेखा का निर्माण देती है। बारहवीं- तेरहवीं शताब्दी में यहाँ के निवासियों का असम के 'अहोम' लोगों से धीरे-धीरे संपर्क हुआ, लेकिन इससे इन लोगों के रहन-सहन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेज़ों के आगमन पर यह राज्य ब्रिटिश प्रशासन के अधीन आ गया। देश की स्वंतत्रता के बाद 1957 में यह क्षेत्र केंद्रशासित प्रदेश बन गया और असम के राज्यपाल द्वारा इसका प्रशासन देखा जाने लगा।
नागालैंड की प्रमुख जनजातियां
'नगा' लोग भारतीय-मंगोल वर्ग के लोगों में से है, जो भारत की उत्तर-पूर्वी पहाडियों के क्षेत्र और पश्चिमी म्यांमार के ऊपरी भाग में रहते हैं। नागालैंड की प्रमुख जनजातियां है- अंगामी, आओ, चाखेसांग, चांग, कुकी, कोन्याक, लोथा, फौम, पोचुरी, रेंग्मा, संगताम और ज़ेलिआंग आदि।
कृषि प्रधान राज्य नागालैंड
गौरतलब है कि नागालैंड कृषि प्रधान राज्य है। राज्य के करीब 70 फीसदी जनता कृषि पर निर्भर है। कुल कृषि योग्य क्षेत्र के 70 प्रतिशत में धान की खेती होती है और राज्य के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 75 प्रतिशत चावल है। यहां ‘स्लेश और 'बर्न' खेती प्रमुख तौर पर की जाती है। इसे वहां के लोग 'झूम' के नाम से जाना जानते हैं। नगा भाषा एक जनजाति से दूसरी जनजाति और कभी-कभी तो एक गांव से दूसरे गांव में भी अलग हो जाती है। इन्हें तिब्बत, बर्मा भाषा परिवार में वर्गीकृत किया गया है। यहां के नागरिक हिन्दी भाषा समझ लेते हैं, थोड़ी बहुत बोल भी लेते हैं।
नागालैंड के टूरिस्ट स्पॉट