कारबूक सीट पर दूसरी बार हो रहा चुनाव,पिछली बार सीपीएम ने दर्ज की थी जीत

Daily news network Posted: 2018-02-14 16:43:54 IST Updated: 2018-02-14 17:06:16 IST
कारबूक सीट पर दूसरी बार हो रहा चुनाव,पिछली बार सीपीएम ने दर्ज की थी जीत
  • आज हम बात कर रहे हैं त्रिपुरा की कारबूक विधानसभा सीट की। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से सीपीएम के प्रियामणि देबबर्मा ने जीत दर्ज की थी।

अगरतला।

आज हम बात कर रहे हैं त्रिपुरा की कारबूक विधानसभा सीट की। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से सीपीएम के प्रियामणि देबबर्मा ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने आईएनपीटी के धारजारॉय त्रिपुरा को 3435 वोटों से हराया था। देबबर्मा को कुल 15, 526 वोट मिले थे जबकि धारजारॉय त्रिपुरा के खाते में गए थे 12, 091 वोट। 

आपको बता दें कि कारबूक एसटी के लिए रिजर्व सीट है। यहां पर मुख्य मुकाबला सीपीएम और आईएनपीटी के बीच है। सीपीएम ने फिर से प्रियामणि देबबर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्विप्रा(आईएनपीटी) ने उम्मीदवार बदल दिया है। उसने इस बार जनक मणि त्रिपुरा पर दांव लगाया है। त्रिपुरा पीपुल्स पार्टी ने हरीश रियांग को टिकट दिया है। कांग्रेस ने राम बहादुर राय रियांग जबकि भाजपा ने बुर्बा मोहन त्रिपुरा को चुनाव मैदान में उतारा है। 

नॉर्थ ईस्ट इंडिया डिवलपमेंट पार्टी ने सुबल देबबर्मा को टिकट दिया है। कारबूक सीट दक्षिण त्रिपुरा में पड़ती है। आपको बता दें कि त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 4 दिन बचे हैं। राज्य की 60 सीटों के लिए 18 फरवरी को वोट पड़ेंगे। 3 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे। 

वरिष्ठ भाजपा नेता जे.पी.नड्डा मंगलवार को यहां चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 50 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। इनमें से 49 की जमानत जब्त हो गई थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में सीपीएम के नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट को भाजपा कड़ी टक्कर दे रही है। मुख्यमंत्री माणिक सरकार खुद कह चुके हैं कि इस बार उनका मुकाबला भाजपा से है। 

भाजपा ने आईपीएफटी से चुनाव पूर्व गठबंधन किया है। भाजपा 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि आईपीएफटी ने 9 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। कांग्रेस ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती थी लेकिन इस बार पार्टी की हालत काफी खस्ता है। एक भी राष्ट्रीय नेता अभी तक त्रिपुरा में प्रचार के लिए नहीं पहुंचा है। 2018 आते आते कांग्रेस के 10 में से 8 विधायक दूसरे दलों में चले गए। 7 भाजपा में जबकि एक सीपीएम में शामिल हो गया। तृणमूल कांग्रेस ने 24 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।