दो साल पहले कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल करने वाले एक व्यक्ति के रूप में आज मुझे ऐसा एहसास हो रहा है कि कॉलेज के दिनों में पढ़ाई करते समय अपने प्रोफेसर से मित्रवत व्यवहार न करके मैंने एक बहुत बड़ी गलती की. वस्तुतः मुझे इस बात का एहसास अब जाकर हो रहा है कि अगर मेरा उनसे सम्बन्ध अच्छा होता तो कई मसलों का समाधान करना मेरे लिए बहुत आसान होता. सम्बन्ध अच्छे होने से न सिर्फ उस समय परिसर में बहुत सी चीजें मेरे लिए आसान हो जाती बल्कि आगे चलकर भी वे मेरे लिए मददगार साबित होते. उनके पास हमेशा ऐसी जानकारी होती है जो जीवन के दौड़ में आगे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. शैक्षणिक जीवन के साथ-साथ मानसिक और भावनात्मक विकास में भी उनका अपूर्व योगदान होता है.
कॉलेज में अपने पहले क्लास के जस्ट बाद आप अपने प्रोफेसर के पास जाइए और सामन्य और सहज लहजे में उन्हें अपना परिचय दीजिये तथा उन्हें यह बताने की कोशिश करें कि विषय से सम्बंधित तथ्यों की जानकारी के लिए आपसे हमेशा मदद की अपेक्षा रखते हैं. बहुत सारे छात्रों के कारण हो सकता है कि आपको याद रखना आपके प्रोफेसर लिए थोड़ा मुश्किल हो,इसलिए हमेशा क्लास से बाहर मिलते रहने की कोशिश करनी चाहिए. आपका व्यक्तित्व प्रोफेसर पर अपनी ऐसी छवि छोड़ सकता है जिसे प्रोफ़ेसर के लिए भूलाना आसान नहीं होगा. इसलिए अपने व्यवहार,आचरण तथा प्रतिक्रिया से अपने प्रोफेसर को हमेशा प्रभावित करने का प्रयास करें. यह प्रयास भविष्य में आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है.
क्लास में हमेशा उत्साहित दिखें. जब भी कोई टॉपिक पढ़ाया जा रहा हो तो उस विषय में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने की जिज्ञाषा को अपने प्रोफेसर के सामने अभिव्यक्त करने की कोशिश करें. ऐसा करने पर आपके प्रोफेसर आपको बहुत कुछ बता सकते हैं. एक प्रोफेसर अपने क्लास में बड़ी सूक्ष्मता से अपने छात्रों की क्लास में रूचि या अरुचि को भांपने की कोशिश करता है. क्लास में कभी भी झपकी ना लें तथा मोबाइल का इस्तेमाल हरगिज न करे क्योंकि ये गतिविधियां प्रोफेसर के प्रति आपके अनुचित व्यवहार को प्रदर्शित करती हैं. क्लास में शिष्टाचार का ध्यान हमेशा रखें.
छात्रों द्वारा सवाल पूछना प्रोफेसर को अपने विषयों की पूरी जानकारी रखने की विवशता के साथ साथ क्लास को भी इंटरैक्टिव बनाए रखने के लिए बेहद जरुरी होता है. छात्रों द्वारा पूछे जाने वाले सवाल यह साबित करते हैं कि विषय के प्रति आपकी कितनी रूचि है ? इससे आपके साथ साथ आपके साथी मित्रों को भी कुछ नए तथ्यों की जानकारी प्राप्त होगी. प्रोफेसर को परेशान करने की मंशा से कोई सवाल न पूछें.
क्लास में चर्चा की गई बातों के बारे में क्लास से बाहर जाकर प्रोफेसर से बात करना निश्चित रूप से प्रोफेसर के समक्ष एक जिज्ञासु छात्र की छवि प्रस्तुत करेगा.इससे आप अपने प्रोफेसर के दिमाग में यह बात बैठा सकते हैं कि मैं सिर्फ अच्छे नंबर हासिल करने के लिए ही अध्ययन नहीं कर रहा हूँ बल्कि इस विषय को बेहतर ढंग से समझना भी चाहता हूँ. अगर आप क्लास में अपने प्रोफेसर से इंटरैक्ट नहीं कर सकते हैं तो ईमेल या फोन से बात कर आप जानकारी हासिल कर सकते हैं.
अक्सर प्रोफेसर उन विद्यार्थियों को ज्यादा पसंद करते हैं जो नई गतिविधियों के लिए स्वयं पहल करते हैं तथा सामूहिक कार्यों और अन्य असाइंमेंट को पूरा करने के लिए सबसे पहले तैयार रहते हैं. यह आपके किसी भी चुनौती का सामना करने तथा आगे बढ़ने की प्रवृति को दर्शाता है. इससे प्रोफेसर भी आपसे प्रभावित होते हैं.
अपने प्रोफेसर से बहुत व्यक्तिगत हुए बिना उनसे उनके रूचि तथा पसंद के विषय में जानने की कोशिश करें. उनसे यह जानने की कोशिश कीजिये कि किसने उन्हें इस प्रोफेशन में आने के लिए प्रेरित किया,आपने यही करियर क्यों चुना आदि. उनके द्वारा किये जाने वाले शोध आदि के विषय में भी व्यापक जानकारी हासिल करने का प्रयत्न करें.इससे आगे के अध्ययन में आपको मदद मिल सकती है.
यदि आपको अपने पाठ्यक्रम से सम्बन्धित कुछ ऐसी जानकारी हासिल होती है, जिससे सभी छात्रों की भलाई हो तो आप इसका जिक्र अवश्य अपने प्रोफेसर से करें.वे हमेशा आपकी मदद करने की प्रवृति की सराहना करेंगे तथा सही समय पर सही जानकारी देने के लिए आपका आभारी रहेंगे.
आपको किसी भी मार्फ़त अगर अपने प्रोफेसर की किसी उपलब्धि का पता चलता है तो उन्हें बधाई देना कभी न भूलें. उन्हें हमेशा विनम्रता के साथ शुभकामनाएं दें. बिना किसी स्वार्थ के आपको इन सारी औपचारिकताओं का निर्वाह करना चाहिए.
खेद प्रकट करना या धन्यवाद ज्ञापित करना जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है. इससे हम अपने सम्बन्धों में मधुरता लाने के साथ साथ की गयी गलतियों से भी कुछ सीखते हैं. यह बात प्रोफेसर के साथ संबधों में भी लागू होती है. आपका प्रोफेसर आपके लिए कई ऐसी चीजे करता है जिसकी आपको जानकारी तक नहीं होती. उदाहरण के लिए सिलेबस पूरा करने हेतु एक्स्ट्रा क्लासेज लेना,परीक्षाओं के लिए टेस्ट पेपर तैयार करना, सही पाठ्यक्रम चुनने में आपकी मदद करना,पेपरों में अच्छे नंबर लाने के लिए सही तकनीक बताना आदि. अतः ऐसे सभी कार्यों के लिए अपने प्रोफेसर को हमेशा धन्यबाद दें. इससे आपकी शिष्टता और सभ्यता का पता चलता है.
एक प्रोफेसर अपने छात्रों के लिए शैक्षणिक कार्यों के अलावा कई गैर-शैक्षणिक कार्यों का निर्वहन करता है. सिर्फ सिफारिश पत्र एवं अच्छे मार्क्स के लिए ही आप अपने प्रोफेसर से संपर्क नहीं करें. पढ़ाई के दौरान हमेशा अपने प्रोफेसर के साथ अच्छा व्यवहार करने की कोशिश करें. एक अच्छे छात्र के रूप में आप कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं.