आईजोल।
मिजोरम भाजपा ने उन आरोपों को सिरे से खारिज किया है जिनमें कहा गया है कि राजस्थान में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक ईसाई पादरी को टॉचर्र किया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हुई थी। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर पादरी को प्रताडि़त करने का आरोप लगा। मिजोरम भाजपा के प्रवक्ता जॉनी ललथनपुइया ने एक बयान में कहा, हमने तुरंत भाजपा की राजस्थान यूनिट के नेताओं और वहां की सरकार से वीडियो क्लिप के बारे में पूछताछ की। उन्होंने हमें बताया कि राजस्थान में इस तरह की कोई घटना घटित नहीं हुई है। यह झूठ कांग्रेस ने फैलाया है।
राजस्थान भाजपा के नेताओं ने कहा है कि वे कांग्रेस जैसे नहीं है जो हिंसा का इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कि किसी भी भारतीय न्यूज मीडिया ने कथित घटना को रिपोर्ट नहीं किया है। इससे साफ पता चलता है कि यह फैब्रिकेटेड है। भाजपा ने कहा, अगर आप करीब से वीडियो को देखेंगे और आवाजों को सुनेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि घटना दुनिया में कहीं और की है, शायद लैटिन अमरीका में कहीं की है। भाजपा ने कहा, यह स्पष्ट हो चुका है कि यह कांग्रेस की भाजपा की छवि को खराब करने की एक और हताश कशिश है। कांग्रेस सदियों पुरानी उस रणनीति पर काम कर रही है जिसके तहत भाजपा को ईसाई विरोधी के रूप में पेश किया जाए। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने मिजोरम में भी कुछ ईसाई पादरियों पर हमला किया, जिन्होंने कहा कि भाजपा ईसाईयों के लिए खतरा है।
ये पादरी नेचुरली प्रो-कांग्रेस और मुख्यमंत्री लल थनहवला के चाटुकार हैं। भाजपा ने मिजो लोगों से निराधार राजनीतिक आरोपों और सही तथ्यों को लोगों के सामने रखने का अनुरोध किया है, खासतौर पर कांग्रेस पार्टी की ओर से अपनाई जा रही रणनीति के बारे में लोगों क बताने को कहा है, जिसमें पार्टी खुद को गलत तरीके से धर्मनिरपेक्षता का चैंपियन बताने का दावा करती है। भाजपा ने कहा, कांग्रेस बर्बादी की तरफ बढ़ रही है और उनकी ओर से फैलाए जा रहे इस तरह के निराधार आरोपों को उनके झूठे प्रपंच के रूप में लेना चाहिए। भाजपा ने दोहराया कि भारत का संवधिान सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने की इजाजत देता है। भाजपा भारत के लोकतंत्र के सिद्धांतों को नष्ट करने के लिए कुछ नहीं करेगी।