कॉलेज स्टूडेंट इंटरनेट एडिक्शन से कैसे बचें ? कुछ मह्त्वपूर्ण टिप्स

Feb 13, 2018 17:18 IST
Getting rid of internet addiction in college students
Getting rid of internet addiction in college students

आजकल हम सूचना के युग में जी रहे हैं और इंटरनेट इसका सबसे सशक्त उपकरण है. सिर्फ एक क्लिक से आपको किसी भी विषय के बारे में सूचना से पूरी तरह भरे हुए कई पेज मिल जाते हैं, ऐसे विषयों पर भी जिनके बारे में आप शायद ही सोच सकें. अब यदि हम यह कहें कि आज इंटरनेट जीवन जीने का एक तरीका बन गया है तो यह कहना गलत नहीं होगा. अपने कॉलेज कैंपस में एक बार चारों ओर नजर दौड़ा कर देखें, आपको तकरीबन हर व्यक्ति अपने फ़ोन पर उंगलियां चलाता दिखेगा. जहां एक ओर इंटरनेट ने सभी तरह की सूचनाओं को हमें सुगमता से उपलब्ध कराया है, चाहे हम कहीं भी हों; वहीं दूसरी ओर इसकी वहज से कई किस्म की दिक्कतें भी पैदा हुई हैं.

इन सभी दिक्कतों में से एक सबसे खास है नौजवान पीढ़ी के बीच तेज़ी से फ़ैल रहा ‘इंटरनेट एडिक्शन’. जब आप कैंपस में चारों ओर देखते हैं तो आप की नजर कुछ ऐसे स्टूडेंट्स पर पड़ती है जो अपने दोस्तों के ग्रुप में बैठे होने के बावजूद अपनी फ़ोन स्क्रीन्स पर आंखें जमाये रहते हैं. हमें इंटरनेट की इतनी आदत पड़ गई है और हम अब इंटरनेट पर इतने ज्यादा निर्भर हो गये हैं कि बहुत बार तो स्टूडेंट्स को इस बात का एहसास भी नहीं होता है कि वे इंटरनेट एडिक्शन का शिकार बन चुके हैं. लेकिन चिंता मत करें, यदि आप जरा-सा ध्यान दें तो इंटरनेट एडिक्शन का पता बड़ी आसानी से लग सकता है और एक बार इंटरनेट एडिक्शन का पता चलने के बाद आप नीचे दिये गये कुछ सरल उपायों से ज्यादा मुश्किल झेले बिना इससे छुटकारा पा सकते हैं.

इंटरनेट एडिक्शन से कैसे पायें छुटकारा ? कुछ आसान और महत्वपूर्ण टिप्स

गैजेट्स इस्तेमाल करने का समय सीमित करें

यदि आपको इस बात की चिंता सता रही है कि आपको इंटरनेट की लत लग गई है तो चिंता करने की इसमें कोई बात नहीं है. आप अकेले नहीं हैं जो इस समस्या से जूझ रहे हैं. आपके आस-पास ऐसे बहुत से लोग हैं जो इंटरनेट की लत का शिकार बने हुए हैं. सिर्फ किसी रोग या समस्या की पहचान कर लेने से ही आपको उससे निजात नहीं मिल जाती, अब इस इंटरनेट एडिक्शन से बचने के लिये पहला कदम उठाने का समय आ गया है. यह कहने का सिर्फ इतना सा मतलब है कि अपना गैजेट्स इस्तेमाल करने का समय सीमित करें. गैजेट्स आपकी जिंदगी का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं, उनका इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर देना संभव नहीं है. लेकिन आप अवश्य ही उन्हें इस्तेमाल करने का अपना समय सीमित कर सकते हैं. सोशल मीडिया वेबसाइट्स या ई-कॉमर्स साइट्स के माध्यम से सर्फिंग करने के अपने समय में कटौती करें. जब आप इन वेबसाइट्स पर अपना समय लगाते हैं तो मानो आपका समय पंख लगा कर उड़ जाता है. इस सर्दी के मौसम में अपने लिए नये जूते लेने के लिए जब आप इंटरनेट पर यूं ही सर्च कर रहे होंते हैं तो आपको पता भी नहीं चलता कि आपका 1 घंटा कैसे बीत गया है.

कोई दूसरी हॉबी या शौक अपनायें

कुकिंग, रीडिंग बुक्स, डांसिंग जैसी कुछ ऐसी एक्टिविटीज में शामिल हों जो आपको पसंद हों. उन एक्टिविटीज से संबद्ध प्रोग्रामों में भाग लें. अपने घर या कैंपस से बाहर निकलें और उन लोगों के साथ मेल-जोल बढ़ायें जिनकी रूचि या इंटरेस्ट आपके जैसी हो. इन एक्टिविटीज में शामिल होने पर आपको गैजेट्स इस्तेमाल करने के लिए कम समय मिलेगा. यह जरुरी नहीं कि आप दूसरे लोगों के साथ इधर-उधर घूमें. आप पेंटिंग बनाने या किसी नये म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को बजाना सीखने जैसे कई दूसरे काम भी कर सकते हैं.

अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बितायें या इधर-उधर घूमें

इंटरनेट एडिक्शन का सबसे बुरा असर यह पड़ता है कि लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने से कतराने लगते हैं. अगर आप उनके साथ होते हैं तो भी आप बिना किसी मकसद के अपनी मोबाइल स्क्रीन्स पर उंगलियां चलाने में ज्यादा खोये रहते हैं. बहुत बार तो आपका इस ओर ध्यान ही नहीं जाता है क्योंकि अब यह आपकी आदत बन चुकी है. यह सुनिश्चित कर लें कि जब आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ हों तो आप अपने मोबाइल का कम से कम या जरूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करेंगे. उनके साथ अपना ‘क्वालिटी टाइम’ बिताने पर फोकस करें. अगर संभव हो तो अपना फ़ोन कुछ दूरी पर रखें ताकि आप इसे बार-बार इस्तेमाल न कर पायें.

मैसेज भेजने के बजाय लोगों को फ़ोन कॉल करने की कोशिश करें

फ्री मैसेजिंग ऐप आने के साथ ही हमारा बात करने का तरीका फ़ोन पर लंबी-लंबी बातों से चैटिंग और मज़ेदार इमेजेज  भेजने के रूप में बदल चुका है. किसी दोस्त से फ़ोन पर सीधे बात करने के बजाय उससे टेक्स्ट मैसेज के जरिये बात करते हुए हमारा कहीं ज्यादा समय बरबाद होता है. इसके अलावा, यदि आप पढ़ रहे हों तो लगातार होने वाली मैसेज पिंगिंग से हमारा ध्यान भटक सकता है. इस बात का तो जिक्र ही नहीं किया जा सकता है कि अगर आप किसी मैसेज का जवाब देने के लिए अपना फ़ोन उठा लें तो आपका दिमाग ईमेल पढ़ने या आपके पसंदीदा ऑनलाइन स्टोर द्वारा भेजे गये डिस्काउंट ऑफर जैसे कई दूसरे कई नोटिफिकेशन्स देखने से भटक सकता है.

रेफ़रेंस स्टडी मेटिरियल का प्रिंटआउट लें

कॉलेज में सिर्फ निर्धारित टेक्स्ट बुक्स पढ़ना ही काफी नहीं होता है. अधिकांश स्टूडेंट्स ऑनलाइन उपलब्ध होने वाली सूचना पर भरोसा करते हैं. आपको अन्य कई प्रोफेसर्स और प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज द्वारा उपलब्ध स्टडी मेटिरियल या रेफ़रेंस बुक्स को देखना होता है. अपनी स्टडीज के लिए इंटरनेट का उपयोग करना बिलकुल गलत नहीं है, आप ऐसा जरुर कर सकते हैं. हालांकि, समस्या फिर वही है कि जब आप स्टडी मेटिरियल के लिए इंटरनेट सर्फिंग करते हैं तो आपके मन में दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट्स चेक करने या फिर अन्य कई बेकार के पेजेज पर ब्राउज करने का विचार आ जाता है. इसलिये, इन बेकार के कामों में उलझकर अपना समय बरबाद करने से बचने के लिये यह बेहतर होगा कि आप स्टडी मेटिरियल का प्रिंटआउट ले कर अपने पास रखें और फिर शांति से पढ़ाई करें.

सारांश

इंटरनेट एडिक्शन कोई विशेष समस्या नहीं किंतु फोकस की कमी और लुभावने भटकावों की एक साधारण समस्या है. यदि आप अपनी पढ़ाई और जरूरी कामों पर पूरी तरह फोकस्ड रहने के लिए दृढ निश्चय कर लेते हैं तो आप इन प्रलोभनों से आसानी से बच सकते हैं. अपनी प्राथमिकताओं को समझना बहुत जरुरी है. एक बार अपनी प्राथमिकतायें निर्धारित कर लेने के बाद, आप नेट पर इन एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में निश्चय ही कम समय लगायेंगे और इस तरह आप इंटरनेट एडिक्शन की समस्या से बच जायेंगे. 

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