भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बनने जा रहे पहले हिंदू मंदिर के भूमि पूजन में शामिल हुए. पीएम मोदी नौ फरवरी से पश्चिम एशियाई देशों के दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी 11 फरवरी 2018 को अबू धाबी-दुबई राजमार्ग पर बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के मंदिर शिलान्यास समारोह के साक्षी बने.
आबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर अबू धाबी के युवराज द्वारा दी गई जमीन पर बनाया जा रहा है, जो यूएई की सहिष्णुता और सदभाव की प्रतिबद्धता को दर्शाता है .
यूएई में भारतीय राजदूत नवदीप सूरी द्वारा मीडिया में जारी की गई जानकारी के अनुसार आबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर 55 हजार वर्ग मीटर की जमीन पर बनकर तैयार होगा. इस मंदिर का निर्माण 2020 तक पूरा होगा और यह सभी धार्मिक समुदाय के लोगों के लिए खुला रहेगा.
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आबू धाबी में पहला हिन्दू मंदिर
• इस मंदिर को अबू धाबी में 'अल वाकबा' नाम की जगह पर 55,000 वर्ग मीटर की ज़मीन में बनाया जायेगा.
• मंदिर में कृष्ण, शिव और अयप्पा (विष्णु) की मूर्तियां होंगी. अयप्पा को विष्णु का एक अवतार बताया जाता है और दक्षिण भारत ख़ासकर केरल में इनकी पूजा होती है.
• मंदिर काफी शानदार और बड़ा होगा. इसमें एक छोटा 'वृंदावन' यानी बगीचा और फव्वारा भी होगा.
• यह मंदिर मध्य-पूर्व में पत्थर से बनाया गया पहला हिन्दू मंदिर होगा.
• इसे भारतीय कारीगरों द्वारा हाथ से तैयार किया जायेगा.
• मंदिर की नींव राजस्थान के एक विशेष गुलाबी पत्थर से तैयार की जाएगी.
• मंदिर में एक रिसेप्शन, प्राथना कक्ष, प्रदर्शनी केंद्र, अध्ययन क्षेत्र, बच्चों और युवाओं के लिए खेलने का स्थान, पानी की सुविधा, फ़ूड कोर्ट किताबें तथा उपहार की दुकानें भी शामिल होंगी.
टिप्पणी
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यूएई में मंदिर का शिलान्यास किया जाना एशियाई क्षेत्र में भारत की बढ़ती पैठ को प्रदर्शित करता है. फ़िलहाल यूएई में हिन्दुओं के दो मंदिर हैं जो दुबई में स्थित हैं. आबू धाबी के निवासियों को मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए दुबई जाना पड़ता है. उद्घाटन किये गये मंदिर का निर्माण अल वाकबा नामक स्थान पर होगा. हाइवे से सटे इस स्थान से आबू धाबी तक लगभग 30 मिनट का समय लगता है.
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