पंचकूला, 12 फरवरी- हरियाणा सरकार की ओर से अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के माध्यम से अनेक जन कल्याणकारी स्कीमें एवं कार्यक्रम क्रियांवित किए जा रहे है ताकि ये वर्ग इन्हें अपनाकर लाभांवित हो सके।
अतिरिक्त उपायुक्त मुकुल कुमार ने स्कीमों की जानकारी देते हुए बताया कि कानूनी सहायता योजना के तहत अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मुकदमों, भूपतियों द्वारा अत्याचार और भूमि से बेदखली के मुकदमों की पैरवी के लिए सरकार की ओर से कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है, जिसके तहत जिला कल्याण विभाग द्वारा 5500 रुपऐ की अनुदान राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतर्जातिय विवाह शगुन योजना के तहत एक लाख एक हजार रुपऐ की राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जा रही है। यह योजना छुआछुत उन्नमूलन तथा अंतर्जातिय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति के कल्याण हेतू सहरानीय कार्य तथा स्वच्छ भारत अभियान में भागीदार करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहन स्वरूप 50 हजार रुपऐ की राशि प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत समाज के सभी वर्गों की लड़कियों की शादी हेतू अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति एवं टपरीवास (बीपीएल कार्ड धारकों) की लडक़ी की शादी के लिए 41 हजार रुपऐ की अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। सामान्य एवं पिछड़े वर्ग के बीपीएल परिवारों की कन्या की शादी हेतू 11 हजार रुपऐ, समाज के सभी वर्ग, जिनके पास अढ़ाई एकड़ से कम कृषि भूमि व एक लाख रुपऐ से कम वार्षिक आय को भी 11 हजार रुपऐ, महिला खिलाड़ी की शादी के लिए सरकार की ओर से 31 हजार रुपऐ जबकि सभी वर्गों की विधवाओं को कन्या की शादी के लिए 51 हजार रुपऐ की अनुदान राशि दी जाती है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि डॉ बीआर अंबेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत विभाग की ओर से 25 हजार रुपऐ की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं टपरीवास जाति के व्यक्तियों, जिनका मकान मरम्मत योग्य है, को अनुदान उपलब्ध करवाना है। अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग की लड़कियों, विधवाओं को विभाग की ओर से एक वर्षीय सिलाई प्रशिक्षण देकर उन्हें आजीविका कमाने के योग्य बनाना है। इस स्कीम के तहत जिला में स्थित प्रत्येक कल्याण केंद्र में 25 प्रशिक्षणार्थियों, जिसमें अनुसूचित जाति के 20 व पिछड़े वर्ग के पाचं प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को 50 रुपऐ प्रतिमास छात्रवृति तथा 150 रुपऐ मासिक कच्चे माल के अतिरिक्त एक वर्षिय प्रशिक्षण पूरा होने पर विभाग की ओर से एक सिलाई मशीन भी मुफ्त प्रदान की जाती है। उन्होंने जिला के पात्र व्यक्तियों से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही इन स्कीमों एवं कार्यक्रमों की अधिक जानकारी के लिए वे जिला कल्याण अधिकारी एवं तहसील कल्याण अधिकारी से संपर्क कर सकते है।