...इन वजहों से दिल्‍ली में स्‍कूल छोड़ते हैं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्‍चे

दिल्ली के निजी स्कूलों में वंचित वर्गों से बच्चों के दाखिले से संबंधित शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई), 2009 की धारा 12 (1) (सी) के क्रियान्वयन पर अध्ययन में यह भी पाया गया कि वर्ष 2011 में स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले छात्र करीब 26 प्रतिशत थे.

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...इन वजहों से दिल्‍ली में स्‍कूल छोड़ते हैं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्‍चे

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्‍ली: एनसीपीसीआर के एक अध्ययन में यह कहा गया है कि अंग्रेजी भाषा में संवाद, पाठ्यक्रम से अतिरिक्त गतिविधियों में खर्च एवं शिक्षा व्यय पर ‘बेतहाशा खर्च’ ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनके चलते दिल्ली के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं वंचित समूहों के छात्र अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं. दिल्ली के निजी स्कूलों में वंचित वर्गों से बच्चों के दाखिले से संबंधित शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई), 2009 की धारा 12 (1) (सी) के क्रियान्वयन पर अध्ययन में यह भी पाया गया कि वर्ष 2011 में स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले छात्र करीब 26 प्रतिशत थे जो वर्ष 2014 में गिरकर 10 प्रतिशत हुआ था. आरटीई अधिनियम की धारा 12(1)(सी) कमजोर एवं वंचित वर्गों के बच्चों के लिये मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के लिये निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों की जवाबदेही तय करती है. इसके अनुसार ऐसे स्कूलों को कक्षा एक या पूर्वस्कूली शिक्षा में छात्रों की कुल क्षमता के कम से कम एक चौथाई हिस्से में ऐसे वर्ग के छात्रों को दाखिला देना होता है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार, विशेषकर शुरुआती कक्षा अर्थात प्राथमिक एवं पूर्व-प्राथमिक स्तर की कक्षा में स्कूली पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले छात्रों का प्रतिशत प्राथमिक स्तर पर अधिक होता है.

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भारत में बाल अधिकार संरक्षण की शीर्ष संस्था का यह अध्ययन समूची दिल्ली के 650 स्कूलों द्वारा स्कूली पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों के विषय में दिये गये वर्षवार आंकड़े पर आधारित था. अध्ययन में कहा गया, ‘‘अभिभावकों का दावा है कि किताबें एवं पाठ्यक्रम से इतर गतिविधियों का खर्च बहुत अधिक होता है जिसके चलते वे स्कूल छोड़ देते हैं.’’ एनसीपीसीआर ने यह भी सुझाव दिया कि जहां तक संभव हो बच्चों को पढ़ाने का माध्यम उनकी मातृभाषा होनी चाहिए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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