अगरतला
त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में सभी की नजरें मजलिशपुर सीट पर है जहां से माणिक सरकार के माणिक यानी की माणिक डे चुनाव लड़ने वाले हैं 55 साल के माणिक डे का मजलिशपुर विधानसभा सीट पर दबदबा 1998 से कायम है।
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है इस बार सीधा मुकाबला बीजेपी और सीपीएम के बीच है और यही वजह है की दोनों ही पार्टियां चुनाव में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही हैं, लेकिन यहां ये जान लेना जरूरी है कि मजलिशपुर वो सीट है जिस पर सीपीएम का हमेशा से दबदबा रहा है इस सीट से माणिक डे को मात देना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर है।
आपको बता दें कि मजलिशपुर सीट पर सीपीएम का कब्जा 1998 से लेकर अब तक कायम है और माणिक डे की जीत इस बात की गवाह है कि जनता की नजर में माणिक की क्या एहमियत है 12 वीं तक पढ़े माणिक का वर्चस्व हमेशा से ही इस सीट पर है। 1988 से मजलिशपुर सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा था लेकिन मात्र 306 वोटों की कमी से वह चुनाव हार गए थे लेकिन इसके बावजूद भी जनता का उन्हें भरपूर समर्थन हासिल है।
इसके साथ ही 1988 व 1993 में हार के बाद माणिक ने एक बार फिर से इस सीट पर 1998 में भारी मतों के साथ वापसी की और मजलिशपुर सीट पर 1988 से अपना कब्जा जमाए इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार दीपक नाग को उनकी गद्दी से उतार फेंका और 1998 में मजलिशपुर सीट पर सीपीएम पर झंडा फैराया और इसके बाद से माणिक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
मजलिशपुर सीट हमेशा से ही सीपीएम और कांग्रेस का गढ़ रही है लेकिन इस बार का चुनावी जमीन पर कांग्रेस का नामों निशान नहीं दिख रहा है क्योंकि इस बार सीधा मुकाबला सीपीएम और बीजेपी के बीच है जिसमें मोदी की ढाक अभी से दिखाई दे रही है और इस बार उन्होंने माणिक डे को चुनौती देने के लिए शुशांत चौधरी को मैदान में उतरा है तो वहीं कांग्रेस ने राजदीप गोपे को इस सीट से उतरा है। यहां ये देखना काफी दिलचस्प होगा की इस बार मजलिशपुर सीट से क्या माणिक को हटा पायेगी कांग्रेस या हमेशा से मैदान से गायब रही बीजेपी इस बार दिखाएगी कमाल।