अगरतला।
त्रिपुरा में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, चुनावी सरगर्मियां भी तेज हो रही है। राज्य में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। त्रिपुरा में 18 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 3 मार्च को नतीजों का ऐलान होगा। राज्य में मानिक सरकार के नेतृत्व की माकपा की सरकार हैं आैर भाजपा राज्य में माकपा के लाल सल्तनत में सेंध लगाना चाहती है। जिसके लिए भाजपा कोर्इ कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं।
भाजपा ने 4 फरवरी को राज्य में चुनावी रैलियों आैर यात्राआें से चुनावी अभियान की शुरूआत कर चुकी है। राज्य में चुनावी सरगर्मियों के बीच में दोनों राजनीतिक पार्टियों के नेताआें के बीच में जुबानी जंग तेज होती नजर आ रही है।
इसी कड़ी में आज यानि रविवार को मानिक सरकार ने भी त्रिपुरा के मांडवी, खायेरपुर आैर बानामालीपुर के विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने अपनी रैली में भाजपा पर निशाना साधा आैर कहा है कि भाजपा आैर आर्इपीएफटी राज्य में समाज को अलग करने में लगी हुर्इ है आैर तनाव पैदा कर रही है। साथ ही उन्हाेंने राज्य की जनता से अपील की है कि वे उनके नापाक इरादों को सफल न होने दें।
Tripura CM Manik Sarkar addressed rallies in Mandwi, Khayerpur & Banamalipur contituencies. He spoke about how the aim of the BJP-IPFT is to divide the society and create unrest. He appealed people to reject their nefarious agenda.#Left4Tripura pic.twitter.com/PrtFT723Ku
— CPI (M) (@cpimspeak) February 11, 2018
गौरतलब है कि भाजपा की आेर से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रैली को संबोंधित किया तो वहीं स्मृति र्इरानी ने भी मानिक सरकार को आड़े हाथ लिया है। राज्य में 25 सालों से माकपा की सरकार है आैर भाजपा लाल के गढ़ में अपनी पैठ को मजबूत करती दिख रही हैं। एेसे में मानिक सरकार अपनी 25 साल पुरानी सल्तनत को बचाने में लगे हैं। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने राज्य की जनजातीय पार्टी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ भी गठबंधन किया है।