त्रिपुरा में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा और विपक्षी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। दोनों का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केवल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता की तरह बात करने के साथ ही तथ्यों की अनदेखी भी करते हैं। पीएम मोदी ने गुरुवार को त्रिपुरा में अपने भाषण के दौरान माकपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी नेता के जैसे भाषण देते हैं और उनके भाषण तथ्यों पर आधारित नहीं होते हैं। उनकी सरकार के कुशासन और पिछले चार वर्षों में बीजेपी की नकारात्मक भूमिका के लिए उन्हें किसी और की आलोचना नहीं करनी चाहिए। पीएम मोदी के भाषण की कड़ी आलोचना करते हुए, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी को इस पर कम से एक शब्द बोलना चाहिए था कि किस आधार पर बीजेपी ने इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ चुनावी गठबंधन किया जो एक अलग राज्य की मांग कर रही है।
जोशी ने कहा कि लोग बीजेपी में रुचि नहीं ले रहे हैं क्योंकि उनकी विचारधारा काम नहीं कर रही है इसलिए त्रिपुरा और अन्य जगहों में पार्टी सभी तरह के संसाधनों को जुटाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उसके समर्थकों को अपनी ओर मिला रही है। जोशी हाल ही में यहां सात कांग्रेस विधायकों और अन्य नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की ओर इशारा कर रहे थे। यहां तक कि कांग्रेस उम्मीदवार सुकुमार चंद्रा दास ने काकरबान-शालगढ़ा विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। जोशी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 16 फरवरी को चुनाव रैली को संबोधित करेंगे।