गंगटोक
सिक्किम में इन दिनों राजनीति गर्माने लगी है लिंबु तामांग को विधानसभा मे सीट आरक्षण न मिलने का कारण राज्य सरकार के दोहरे मापदंड है। यह आरोप लिंबु-तामांग वोलेटेरी कमेटी के अध्यक्ष येहाग चोग ने लगाया है।
उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने सिक्किम विधानसभा की कुल सीटों की संख्या 40 होने के बाद ही स्थायी समाधान के रूप में लिबु-तामांग समुदाय को अनुसूचित जनजाति के सीट आरक्षण करवाने की मांग केंद्र सरकार के समक्ष दिया है। यह फर्मुला बर्मन कमीशन के सिफारिशों के आधार पर है।
किंतु इस फार्मुले मे जनजाति की सूची से वंचित 11 समुदाय को जनजाति सूची मे शामिल करना जरुरी बताया। जिसके के बाद राज्य की 32 विधानसभा सीटों को बढ़ाकर 40 करने की मांग समिति ने दोहराई है। जिससे भूटिया-लेप्चा को मिली 12 सीटे , बौद्ध भिक्षुओ को मिली एक सीट से बढ़ाकर दो, लिबु-तामाग अनुसूचित जनजाति को 5, अनुसूचित जाति को 20 सीटे देने की माग की गई है। समिति का आरोप है कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति से वचित 11 समुदायो को निर्धारित जनजाति के मापदंड पूरे नही करने के कारण ही मांग को खारिज किया जा चुका है।
राज्य सरकार द्वारा बर्मन कमीशन की सिफारिश के आधार पर बनाया गया फर्मुला ही जाति को विधानसभा सीट आरक्षण दिलाने मे बड़ी समस्या बताया। जिसके चलते ही राज्य सरकार उक्त बर्मन कमीशन की रिपोर्ट को केंद्र सरकार से वापस लेने का माग कर रही है। ताकि हमे सीट आरक्षण के लिए मार्ग प्रशस्त की जा सके।