शिलोंग।
राज्य में दस साल बाद त्रिशंकु विधानसभा के आसार बनते नजर आ रहे हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बार चुनाव में क्षेत्रीय दल ही निर्णायक भूमिका निभाएंगे। राज्य के आम लोग भी कमोबेश इसी गणित का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।
गारो हिल्स में भी लोग क्षेत्रीय दलों को ही समर्थन देने के मूड में हैं। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार, विकास योजनाओं को लागू नहीं करने और भाई-भतीजावाद जैसे कई आरोप लग रहे हैं। 10 साल से सत्ता में रहने की वजह से उसके खिलाफ प्रतिष्ठान-विरोधी लहर भी है।
दूसरी ओर, कांग्रेस के खिलाफ जोरदार अभियान छेड़ने वाली भाजपा का बीफ के प्रति रवैया उसके बहुमत पाने की राह में सबसे बड़ी बाधा साबित हो सकती है। भाजपा इस बार 47 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि इन विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया के
इस्तेमाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने मुख्य विरोधियों कांग्रेस व
अन्य राजनीतिक दलों से कहीं आगे है। आंकड़ों के अनुसार, आठ फरवरी तक मेघायल
में भाजपा के ट्वीटर खातों पर फोलोअर्स की संख्या 13.9 हजार हो चुकी है,
जबकि कांग्रेस के फोलोअर्स की संख्या महज 1455 है।
पर भाजपा के 3886 फोलोअर्स की तुलना में कांग्रेस के केवल 1712 फोलोअर्स
हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के Twitter पर 392 और फेसबुक
पर 1038 फोलोअर्स हैं। सोशल मीडिया पर राजनेताओं की लोकप्रियता के मामले
में सत्तारूढ़ कांगेस के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के फेसबुक पर 1,26,786
फोलोअर्स हैं, वहीं Twitter पर उनके फोलोअर्स की संख्या 68,000 है।
पर कांग्रेस की मेघालय इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष विन्सेंट पाला के 779 और
भाजपा की मेघालय इकाई के अध्यक्ष शिबुन लिंग्दोह के महज 163 फोलोअर्स हैं।
बदलते समय के साथ हाल के साल में चुनाव के समय सोशल मीडिया की भूमिका काफी
महत्वपूर्ण हो गयी है। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का उपयोग एजेंडा तय
करने, प्रचार कराने और विरोधियों की आलोचना करने के लिए किया जाता है।