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क्या बाराबंकी में पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ फर्जी है? घायल अपराधी ने किया खुलासा

उत्तर प्रदेश में सत्तासीन योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराधियों के सफाए पर जोर-शोर से काम कर रही है.

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क्या बाराबंकी में पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ फर्जी है? घायल अपराधी ने किया खुलासा

पुलिस के साथ सीएम योगी (फाइल फोटो)

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश में सत्तासीन योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराधियों के सफाए पर जोर-शोर से काम कर रही है. प्रदेश में अक्सर पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की खबरें आ रही हैं. इसी तरह बाराबंकी में शुक्रवार को पुलिस और अपराधियों के बीच दूसरी मुठभेड़ की खबर सुर्खियां बनी हुई है. मगर इस मुठभेड़ को लेकर पुलिस की कहानी में पेंच ही पेंच नज़र आ रहे हैं. पुलिस और अपराधियों की इस मुठभेड़ को फर्जी ठहराने का काम तथाकथित मुठभेड़ में घायल अपराधी ने ही कर दिया है. पुलिस जहां इसे मुठभेड़ दिखाकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं इस अपराधी ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि वह अपने तीन साथियों के साथ तीन दिन पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. 

बाराबंकी के मोहम्मदपुर खाला थाना इलाके में बीती रात पुलिस और अपराधियों में मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में जहां दो अपराधी घायल हुए हैं, वहीं एक एसआई समेत तीन पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस ने इनके कब्जे से 1 लाख 71 हज़ार रुपये,  4 तमंचे, 4 मोबाइल फोन और एक कार बरामद की है. इस मुठभेड़ में शामिल अपराधी फेतहपुर तहसील में पिछले दिने हुए दवा व्यवसायी की अपहरण कांड से जुड़े हुए थे, जिसे इन लोगों ने खुद स्वीकार कर लिया है. 

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बाराबंकी पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह से जब इस मुठभेड़ के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज होने वाले किसान आन्दोलन को लेकर पुलिस एहतियात बरतने के लिए वाहनों की सघन चेकिंग मोहमदपुर खाला थाना इलाके में कर रही थी. तभी उधर से एक कार आती दिखाई दी. पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया, मगर वह लोग नहीं रुके और पुलिस पर गोलियां चला दी. इस पर पुलिस ने उनका पीछा कर जवाबी फायरिंग की, जिसमें दो अपराधी घायल हो गए. इस मुठभेड़ में पुलिस ने तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया और दो अपराधी घायल हो गए जबकि एक अपराधी मौके से भागने में सफल हो गया.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन अपराधियों का अंतर्जनपदीय गिरोह है. पूछताछ में इन लोगों ने हाल ही में फतेहपुर में हुए दवा व्यवसायी के असफल अपहरण में शामिल होना स्वीकार किया है. साथ ही साथ जनपद लखनऊ के पीजीआई इलाके में, बाराबंकी के गदिया इलाके में लूट सहित जिले की कई लूटपाट की घटनाओं में शामिल होना स्वीकार किया है.  इस घटना में एक एसआई अरुण कुमार समेत दो सिपाही अंकित तोमर और राहुल वर्मा और दो अपराधी भी घायल हुए हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन अपराधियों की गिरफ्तारी से जनपद ही नहीं बल्कि सीमावर्ती जनपदों में लूट की घटनाओं पर विराम लग जायेगा.

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पुलिस की कहानी से इतर एक घायल अपराधी अंशू की बातों को अगर सही मानें तो यह कोई मुठभेड़ नहीं थी. बल्कि उन्हें तीन दिन पहले ही उसके साथियों समेत गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तारी से पहले वह इलाहाबाद में था और पुलिस के कहने पर ही वह आ रहे था. पुलिस ने उन लोगों को बछरावां से गिरफ्तार कर लिया था. बीती रात लगभग डेढ़ बजे उनको पुलिस घटना स्थल पर लेकर गई थी.

मामला कुछ भी हो, मगर अपराधी के इस बयान से पुलिस की कार्यशैली में और उनकी इस मुठभेड़ की कहानी में पेंच ही पेंच नज़र आ रहे हैं. यह अपराधी इस समय घायल है और उसका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सूरतगंज में चल रहा है. जबकि घटना स्थल के करीब रहने वाले शिवराजपुर गांव निवासी भारत सिंह का कहना है कि उन्होंने किसी तरह की कोई फायरिंग की आवाज सुनी ही नहीं.

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