यूनेस्को की लिस्ट में शामिल होना चाहता है अरुणाचल, जानिए क्यों

Daily news network Posted: 2018-02-09 15:20:03 IST Updated: 2018-02-09 15:57:46 IST
यूनेस्को की लिस्ट में शामिल होना चाहता है अरुणाचल, जानिए क्यों
संक्षिप्त विवरण

ईटानगर

अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अपने दो स्थानो को यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल करने की वकालत की है। राज्य के अनुसंधान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में निचले सुबनसिरी जिले में स्थित जिरो घाटी में अपातानी सांस्कृति भूभाग एवं पश्चिम कामेंग जिले में किलेबंद गांव थेमबांग डिजोंग को यूनेस्को की अस्थायी सूची में जगह दिया गया है और अब राज्य इन्हें विश्व विरासत स्थलों की अंतिम सूची में स्थान दिलाने के लिये प्रयासरत है।



अधिकारी ने बताया कि इन दोनों स्थलों को अंतिम सूची में शामिल किया जाये यह सुनिश्चित करने के लिये सरकार वहां व्यापक मरम्मत एवं संरक्षण कार्य कर रही है। पश्चिम कामेंग जिले में स्थित किलाबंद गांव थेमबांग डिजोंग करीब 3.2 एकड़ में फैला है और उत्तर एवं दक्षिण में इसके दो द्वार हैं। डिजोंग का अर्थ होता है किला।


यह स्थान प्राचीन एवं ऐतिहासिक अवसंरचनाओं से घिरा है और यह मोनपा जनजाति की पारंपरिक बस्ती है। गांव के अंदर किसी निवासी की निजी संपत्ति नहीं है बल्कि वहां सबकुछ पंचायत प्रणाली से संचालित होता है। अपातानी सांस्कृतिक भूभाग को भी यहां के समुदाय के अंदर खेती करने की विशिष्ट तकनीक के चलते यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है।



किसान धान के खेत के पिछले हिस्से में मछली पालन करते हैं और खेतों की मेड़ पर ज्वार उपजाते हैं। अप्रैल 2014 में देश में अरुणाचल प्रदेश के स्थलों सहित 22 स्थलों को यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया गया था। बहरहाल अंतिम सूची में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी से स्वीकृति मिलनी बाकी है जिसके बाद ही तय होगा कौन सा राज्य इस लिस्ट में शामिल होता है और कौन नहीं।