नई दिल्ली।
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। सीपीएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत से मुलाकात की। सीपीएम ने आरोप लगाया कि भाजपा त्रिपुरा में प्रचार के दौरान गलत तरीके इस्तेमाल कर रही है। सीपीएम के सेंट्रल सेक्रिटेरीअट के सदस्य नीलोत्पल बसु ने भाजपा के सोशल मीडिया कैंपेन पेज पर प्रकाशित एक विज्ञापन को लेकर पार्टी की चिंता को व्यक्त किया।
सीपीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मुद्दा भाजपा के सोशल मीडिया कैंपेन पेज पर की गई घोषणा से संबंधित है। भाजपा ने सोशल मीडिया कैंपेन पेज पर एक विज्ञापन प्रकाशित किया है। यह राज्य के बाहरी गैर मतदाताओं के लिए है। इनसे वोटर आईडी कार्ड दिखाने पर त्रिपुरा के लिए फ्री में ट्रेन यात्रा का वादा किया गया है। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से गिफ्ट बताया गया है। नीलोत्पल बसु ने कहा,यह सेक्शन 123(5) का उल्लंघन है और ऐसा करना रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट,1951 की धारा 133 के तहत दंडनीय अपराध है।
सीपीएम की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि हाल ही में ईवीएम के साथ जो मॉक पोलिंग कराई गई थी, उस दौरान गड़बड़ी सामने आई। 41-अमपिनागर विधानसभा सीट के पार्ट 47 में ईवीएम के साथ मॉक पोलिंग के दौरान यह सामने आया कि कोई भी बटन दबाओ वोट कमल के निशान पर ही जा रहा था। सीपीएम ने मुख्य चुनाव आयुक्त से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि चुनाव के दौरान इस तरह की गड़बडिय़ां ना हो। मतगणना के दौरान कम से कम 20 फीसदी बूथों पर ईवीएम रिकॉर्ड और वीवीपीएटी रिकॉर्ड का मिलान कराने का भी अनुरोध किया गया है।
सीपीएम ने चुनाव आयोग से राज्य में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों के कथित प्रवेश को लेकर अपनी चिंताओं को एड्रेस करने का अनुरोध किया है। साथ ही चुनाव के दौरान गैर मतदाताओं को शांति भंग करने से रोकने का अनुरोध किया गया है। बसु ने चुनाव आयोग को भाजपा की कुछ प्रचार सामग्री उपलब्ध कराई है। इसमें सातवें वेतन आयोग पर भाजपा के कैंपेन की बुकलेट शामिल है, जहां राज्यपाल की तस्वीर इस्तेमाल की गई है।
सीपीएम का आरोप है कि भजाप अपने प्रचार के दौरान फिल्म लाल सरकार की क्लिपिंग्स दिखा रही है। सीपीएम ने चुनाव आयोग से प्रचार सामग्री जब्त करने और इस तरह की क्लिपिंग्स की स्क्रीनिंग को रोकने का अनुरोध किया है।