असम- गाय को लेकर मदनी ने कही ऐसी बात, सुनकर चौंक गए लोग

Daily news network Posted: 2018-02-09 16:16:49 IST Updated: 2018-02-09 16:16:49 IST
असम- गाय को लेकर मदनी ने कही ऐसी बात, सुनकर चौंक गए लोग
संक्षिप्त विवरण

गुवाहाटी

पिछले काफी समय से देश में गाय और गौरक्षा पर बहस छिड़ी हुई है इसी बीच अब जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश में गाय को लेकर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी है।


मदनी ने कहा कि देश में गोहत्या को लेकर आए दिन माहौल बिगड़ रहे हैं। इस मसले को लेकर कई हत्याएं हो चुकी हैं। गाय और इंसान दोनों को सुरक्षित रखने के लिए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। उन्होंने कहा, 'असम, झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गाय की वजह बवाल हो रहा है, जिसमें विशेषकर मुसलमान और दलितों को भी मारा और पीटा गया है। मैं कहता हूं कि हमें अपने मुल्क के लोगों के जज्बातों से नहीं खेलना चाहिए और गायों को महफूज रखने के लिए गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाना चाहिए।'

उन्होंने बताया कि साल भर पहले भी उन्होंने सभी धर्मगुरुओं के सामने भी यह बात रखी थी कि गोमांस बेचने और खरीदने वाले दोनों मुजरिम होंगे। गोहत्या के नाम पर बेकसूरों की हत्या हो रही है। इससे हिंदुस्तान की छवि दूसरे देशों में खराब हो रही है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के बाद देश में जगह-जगह हो रही हिंसाओं पर रोक लगेगी।


सहारनपुर के देवबंद में मदरसा दारुल उलूम निस्वाह के नायब मोहतमिम मौलाना नजीफ कासमी का कहना है कि मौलाना अरशद मदनी के बयान का वह समर्थन करते हैं। क्योंकि देश में पिछले लंबे समय से खास मानसिकता वाले लोग गोरक्षा के नाम पर बेकसूर मुसलमानों को मौत के घाट उतार रहे हैं।  इससे देश का माहौल भी खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने और इस पर कानून बनाए जाने के बाद देश में इस प्रकार की शर्मनाक घटनाओं पर सिरे से पाबंदी लग जाएगी और निर्दोष लोगों का कत्ल-ए-आम रुक जाएगा।


इसके साथ ही, मुस्लिम धर्म गुरु उमर इलियासी ने भी कहा है कि यह सराहनीय अपील है। मुस्लिम समुदाय को भी देशहित में इसका समर्थन करना चाहिए। पैगंबर ने भी कहा है कि गाय का मांस खाने से बीमारी होती है। गाय का दूध और घी सेहत के लिए फायदेमंद है। ऐसे में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कानून बनाना वक्त की जरूरत है।