असम के गुवाहाटी में पत्रिका की-नोट, मुख्यमंत्री सोनोवाल करेंगे शिरकत

Daily news network Posted: 2018-02-08 10:24:58 IST Updated: 2018-02-08 17:42:18 IST
असम के गुवाहाटी में पत्रिका की-नोट, मुख्यमंत्री सोनोवाल करेंगे शिरकत
संक्षिप्त विवरण

गुवाहाटी।

पत्रिका समूह की ओर से पूर्वोत्तर के राज्य असम में की-नोट कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। असम के राज्य गुवाहाटी में 10 फरवरी को की-नोट कार्यक्रम होगा। KEYNOTE THE ANNUAL IDEA FEST 2018 कार्यक्रम की थीम इस बारNORTHEAST IN MAIN STREAM INDIA रखी गई है। कार्यक्रम की शुरुआत असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल करेंगे। की-नोट द एनुअल आइडिया फेस्ट 2018 की शुरुआत सुबह दस बजे से होगी। द नोवोटेड, जीएस रोड, डाउनटाउन दिसपुर, गुवाहाटी में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार के साथ चर्चा करेंगे। इसके साथ ही कार्यक्रम में मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद भी शिरकत करेंगे। राज्यपाल शाम चार बजे सभी के साथ रूबरू होंगे और अपने विचार रखेंगे।


जानिए गंगा प्रसाद का राजनीतिक सफर

मेघालय के राज्यपाल नियुक्त हुए गंगा प्रसाद पहली बार 1994 में बिहार विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे। 18 वर्ष तक बिहार विधान मंडल के सदस्य रहे, जिनमें उनका राज्य विधानसभा का 5 वर्ष का कार्यकाल शामिल है। वह राज्य में राजग शासन काल में विधान परिषद के नेता भी रहे थे। बिहार में जनसंघ के काल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने 18 साल की उम्र से की थी। बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा, बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ, अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन और अखिल भारतीय चौरसिया महासभा जैसे संगठनों में वे काफी सक्रिय रहे हैं। गंगा प्रसाद का कहना है कि मेघालय का विकास उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि नए दायित्व को वो अच्छे से वहन करेंगे और मेघालय के विकास के लिए सभी दलों से मिलकर सबको साथ लेकर चलेंगे।


असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का सफर

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर 1962 को डिब्रूगढ़ हुआ था। वे असम के 14वें मुख्यमंत्री हैं। मई 2016 में हुए असम विधान सभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे। चुनावों में पार्टी के विजयी होने के बाद सोनोवाल ने 24 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सोनोवाल विधि स्नातक हैं। उनके पास छात्र राजनीति का भी व्यापक अनुभव है। वे असम गण परिषद के स्टूडेंट विंग ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और पूर्वोत्तर के राज्यों में असर रखने वाले नॉर्थ इस्ट स्टुडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष रह चुके हैं। भाजपा में जुडऩे से पहले वे असम गण परिषद के सदस्य थे। उन्हें असम का जातीय नायक भी कहा जाता है। वर्ष 2001 में वे असम गण परिषद के उम्मीदवार के रूप में सर्वप्रथम विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा वर्ष 2004 में पहली बार लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।