केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 07 फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता (PMRF) योजना को स्वीकृति प्रदान की. वर्ष 2018-19 से अगले सात वर्ष की अवधि के लिए इसकी लागत 1650 करोड़ रुपये होगी.
प्रधानमंत्री ने इस योजना से राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए अभिनव प्रयोग तथा प्रौदयोगिकी के महत्व पर बल दिया है. यह फेलोशिप योजना नवाचार के माध्यम से विकास में वृद्धि करने की दिशा में महत्वपूर्ण है. इस योजना की घोषणा बजट भाषण 2018-19 में की गई थी.
PMRF योजना की विशेषताएं
• इस योजना के अंतर्गत आईआईएससी/ आईआईटी/ एनआईटी/ आईआईएसईआर/ आईआईआईटी से विज्ञान एवं प्रौदयोगिकी विषयों में बी.टेक. अथवा समेकित एम.टेक. अथवा एमएससी पास करने वाले अथवा अंतिम वर्ष के सर्वोत्तम छात्रों को आईआईटी/ आईआईएससी में पीएचडी कार्यक्रम में सीधा प्रवेश दिया जाएगा.
• ऐसे छात्र जो पात्रता मानदंड पूरा करते हैं और जिन्हें पीएमआरएफ दिशा निर्देशों में निर्धारित चयन प्रक्रिया के जरिए छांटा गया है, को पहले 2 वर्षों के लिए 70,000 रूपये प्रति माह, तीसरे वर्ष के लिए 75,000 रूपये प्रति माह तथा चौथे और 5वें वर्ष में 80,000 रूपये प्रति माह की फेलोशिप प्रदान की जाएगी.
• इसके अलावा प्रत्येक अध्येता को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और सेमिनारों में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए उनकी विदेश यात्रा से संबंधित खर्च को पूरा करने के लिए 5 वर्ष की अवधि के लिए 2 लाख रूपये का शोध अनुदान दिया जाएगा.
• वर्ष 2018-19 की अविध से प्रारंभ होकर अगेल 3 वर्ष में अधिकतम 3000 फेलो का चयन किया जाएगा.
PMRF योजना के लाभ
यह योजना विज्ञान और प्रौदयोगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में स्वदेशी रूप से शोध करने के लिए देश में उपलब्ध प्रतिभा के दोहन में सहायक होगी. इस योजना के तहत शोध एक ओर हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता को हल करेगा और दूसरी ओर देश की प्रमुख शैक्षिक संस्थाओं में गुणवत्तापरक संकाय की कमी दूर करेगा.
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